कथारंग: परिवार की पहल, ऑनलाइन मंच पर उम्दा कहानी पाठ
अमूमन शिक्षक बच्चों की प्रतिभा और हुनर का मूल्यांकन करते हैं मगर इस बार कुछ अलग हुआ था। बच्चों ने शिक्षकों को आंका। कथारंग परिवार की ओर से ये अनूठी पहल की गई। तरंग 2020 का सफल ऑनलाइन आयोजन किया गया।
लखनऊ, जेएनएन। अमूमन शिक्षक बच्चों की प्रतिभा और हुनर का मूल्यांकन करते हैं, मगर इस बार कुछ अलग हुआ था। बच्चों ने शिक्षकों को आंका। कथारंग परिवार की ओर से ये अनूठी पहल की गई। 'तरंग 2020' का सफल ऑनलाइन आयोजन किया गया। 'तरंग 2020' में विभिन्न संस्थानों के टीचर्स ने उत्साहपूर्वक सक्रिय प्रतिभाग किया। शिक्षकों ने एक से बढ़कर एक कहानियों का रोचक प्रस्तुतिकरण किया।
कथारंग की संस्थापिका नूतन वशिष्ठ के मार्गदर्शन एवं कथारंग की सचिव अनुपमा शरद के निर्देशन में 'तरंग 2020' को एक अलग सोच के साथ आयोजित किया गया। अपने आयोजन के पहले ही वर्ष में तरंग 2020 ने नए आयाम स्थापित किए। कार्यक्रम का संचालन कथारंग परिवार की सदस्य पूजा विमल ने किया, जिसमें कथारंग की तकनीकी टीम ने विशेषतः सत्यप्रकाश मिश्र, कथारंग के उपसचिव आयुष्वर्धन सिंह एवं सोम गांगुली ने अपना योगदान दिया। बाल साहित्यकार संजीव जायसवाल, नूतन वशिष्ठ और डॉ. अपूर्वा अवस्थी ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। साथ ही साथ कहानी पाठ कर चुके सृष्टि श्रीवास्तव और आदित्य मिश्रा ने भी निर्णायक मंडल में प्रमुखता से बच्चों की तरफ से अपने विचार व्यक्त किए। नूतन वशिष्ठ ने कहा कि इसके जरिए हम बच्चों की कल्पनाशीलता को बढ़ाने के साथ उनकी किताबों से दोस्ती करवाना चाहते हैं। हमारी कोशिश ये भी है कि बच्चे अपने वरिष्ठ साहित्यकारों के बारे में भी जाने समझें।
आज सुनाई गईं ये कहानियां
कथारंग चिल्डे्न स्पेशल मंथ मना रहा है। हर शुक्रवार को कोई न कोई बच्चा ऑनलाइन मंच पर दिग्गज की तरह कहानी पाठ करता है। इस बार ये मौका कौशिकी तिवारी और सृष्टि श्रीवास्तव को मिलाद्ध कौशिकी ने झलकारी बाई कहानी सुनाई। वहीं, सृष्टि श्रीवास्तव ने रेत के घरौंदे कहानी सुनाई।