Kartik Purnima 2019: बंदिशों में हुई ढील और अयोध्या में उमड़ा आस्था का सैलाब
Kartik Purnima 2019 अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम लौटी रामनगरी की रवानी।
अयोध्या [मुकेश पांडेय]। पिछले तीन दिनों की भांति रामनगरी में कड़ा सुरक्षा पहरा तो मंगलवार को भी था पर नजारा बदला-बदला सा। बंदिशों में ढील का असर और आस्था का सैलाब! ऐसा विहंगम दृश्य पैदा कर रहा था, मानो पूरी अयोध्या श्रद्धा के सागर में गोते लगा रही हो। ऐसे में रामनगरी में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सरस सलिला सरयू में स्नान के लिए आए लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं कुछ यूं बयां हो रही थीं, &ह्नह्वशह्ल;डर मुझे भी लगा फासला देख कर, पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर। खुद-ब-खुद मेरे नजदीक आती गई, मेरी मंजिल मेरा हौसला देख कर'।
ऐसा, हो भी क्यों न! राममंदिर पर सुप्रीम फैसला आने के बाद पहला कार्तिक पूर्णिमा स्नान जो था। गोंडा के मसकनवां से आए देवेंद्रदत्त त्रिपाठी सरयू स्नान तो बहुत बार कर चुके थे, लेकिन रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद पहला स्नान होने के कारण उनकी भावनाएं कहीं अधिक ²ढ़ नजर आ रही थीं। पूछने पर कहा, ऐसा लग रहा है, मानों जीवन धन्य हो गया है। कुछ ऐसे ही विचार उन लोगों के भी थे, जो स्नान करने के बाद दर्शन के लिए हनुमानगढ़ी की ओर बढ़ रहे थे। श्रद्धालुओं की आमद से नगर की गलियां, मठ-मंदिर भी गुलजार थे।
बिहार के साधु रामकुमार जमीन पर लेट कर चौथी बार अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वे 108 बार इसी तरह परिक्रमा करने का संकल्प लेकर आए हैं। कारसेवकपुरम में रखे मंदिर के प्रस्तावित मॉडल को निहारते अयोध्या के चारुशिला मंदिर से जुड़े जगद्गुरु रामाननंदाचार्य वल्लभाचार्य से मुलाकात होती है। वे कहते हैं फैसला सपने सच होने जैसा है। सबसे अच्छी बात शांति-सछ्वाव का बना रहना है। रामजन्मभूमि न्यास स्थित कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों को निहारने के साथ गुजरात के गुंजा से आए श्रद्धालुओं की प्रसन्नता छिपाए नहीं छिप रही थी। श्रद्धालु गुरुप्रसाद ने बताया कि उनके घर से मोदीजी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) का घर 20 किलोमीटर की दूरी है। राममंदिर बन जाने पर सोमनाथ दर्शन के बाद अयोध्या आकर रामजी का दर्शन कर अपना जीवन धन्य करेंगे।
अयोध्या में भ्रमण कर मेलार्थियों से जुड़ी नगर निगम की व्यवस्था का जायजा ले रहे महापौर रिषिकेश उपाध्याय ने कहा कि यहां सब ठीक है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत नहीं है। मेला खत्म होने के बाद गलियों में सामान लाने-ले जाने के लिए ठेला, मुख्य मार्ग पर ई-रिक्शा आदि के संचालन की छूट पर प्रशासन को विचार करना चाहिए। इस संबंध में वे जल्द ही जिलाधिकारी से वार्ता करेंगे।
फैजाबाद शहर में लौटी रवानी
-अवध के नवाबों की पुरानी राजधानी फैजाबाद में अब रवानी लौट आई है। बजाजा, फतेहगंज, मुजफ्फरा नाका, रिकाबगंज, नियावां, हसनूकटरा के बाजार में ग्राहकों की चहलकदमी फैसले से पहले जैसी नजर आ रही है। गलियां भी गुलजार हैं। चौक में एक दुकान पर मोहम्मद साबिर एवं मोइनुद्दीन मोईन से मुलाकात हुई। पूछने पर कहा, दुकानें खुलने एवं ग्राहकों की आमद-रफ्त से रोजी-रोटी का प्रबंध पटरी पर है। कहीं कोई तनाव नहीं है। सब सहज है और यही सबसे अच्छी बात है।