Kanpur Encounter News Today : कानपुर पुलिस पर भारी पड़ी अपनी ही चूक, नहीं माने गए निर्देश
कानपुर पुलिस की टीम ने जिस तरह बिना बुलेटप्रूफ जैकेट व अन्य सुरक्षा उपकरणों के अपना ऑपरेशन शुरू किया उसके लिए बड़े अधिकारी भी जिम्मेदार हैं।
लखनऊ, जेएनएन। कानपुर पुलिस पर उसकी ही चूक भारी पड़ी है। कुख्यात विकास दुबे के घर रात में दबिश देने गई पुलिस टीम ने डीजीपी के निर्देशों को भी नहीं माना। कच्ची तैयारी के साथ पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशों का दुस्साहस भारी पड़ा। बदमाशों ने जब ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू की, तब तक पुलिसकर्मी उनके चक्रव्यूह में घिर चुके थे। नतीजे में यूपी पुलिस के इतिहास की सबसे बड़ी घटना हो गई।
कानपुर पुलिस की टीम ने जिस तरह बिना बुलेटप्रूफ जैकेट व अन्य सुरक्षा उपकरणों के अपना ऑपरेशन शुरू किया, उसके लिए बड़े अधिकारी भी जिम्मेदार हैं। अपराधी विकास दुबे के घर के बाहर जेसीबी मशीन से रास्ते को रोका गया था। यह देखकर भी दबिश देने गई पुलिस टीम को आने वाले खतरे की आहट नहीं सुनाई पड़ी। बदमाशों ने जब ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू की, तब तक पुलिसकर्मी उनके चक्रव्यूह में घिर चुके थे। ताज्जुब की बात तो यह है कि पुलिस ने न ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया और न ही उसके पास टार्च थीं, जिससे उन्हें बदमाशों की लोकेशन का ही कुछ अंदाजा मिल सकता। यह घटना कानपुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने लॉकडाउन के दौरान पुलिस पर हुए हमले की घटनाओं को देखते हुए चार जून को पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को लेकर कड़े निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा है कि पुलिसकर्मी दबिश के दौरान दंगा रोधी उपकरणों से लैस होकर ही जाएंगे। इन उपकरणों का प्रयोग न करने के चलते यदि कहीं कोई पुलिसकर्मी घायल हुआ तो संबंधित थानेदार के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी। कानपुर पुलिस ने इन निर्देशों को पढऩे के बाद ही बिसरा दिया था।
इंटेलीजेंस की भी बड़ी चूक : कुख्यात अपराधी विकास दुबे 1990 से कानपुर पुलिस के लिए चुनौती बना था। वह पहले भी कई संगीन घटनाएं कर चुका था। सवाल यह है कि ऐसे कुख्यात अपराधी के बारे में पुलिस का सूचनातंत्र इतना कमजोर कैसे साबित हुआ।