Kanpur Bikru Case: कानपुर के बिकरु कांड की जांच कर रही एसआईटी टीम का समय बढ़ा, अब 30 को सौंपेगी रिपोर्ट
Kanpur Bikru Case पड़ताल में गांव के लोगों के साथ अन्य से भी अपेक्षित सहयोग न मिलने के कारण टीम निर्धारित समय यानी 31 जुलाई को रिपोर्ट नहीं सौंप सकी थी।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के साथ ही देश को दहला देने वाले कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव के कांड की जांच कर रही स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम को जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए समय की अवधि बढ़ा दी गई है। अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी के नेतृत्व में चौबेपुर में एक सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले की जांच कर रही टीम को 31 जुलाई को रिपोर्ट सौंपनी थी। इस टीम को 15 जुलाई को जांच दी गई थी।
बिकरू गांव में दुर्दांत विकास दुबे की तलाश में दो जुलाई की रात को दबिश देने गई पुलिस की टीम के ऊपर हमले के बाद आठ पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या के मामले की जांच संजय आर. भूसरेड्डी के नेतृत्व में सीनियर आइपीएस अधिकारी हरिराम शर्मा व जे. रविंदर गौड़ कर रहे हैं। इसमें अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उप महानिरीक्षक जे रविंदर गौड़ एसआईटी के सदस्य हैं। इसकी जांच इस टीम को 15 जुलाई को सौंपी गई थी। टीम ने लगातार बिकरू गांव के साथ ही कानपुर में काफी पड़ताल की।
इस पड़ताल में गांव के लोगों के साथ अन्य से भी अपेक्षित सहयोग न मिलने के कारण टीम निर्धारित समय यानी 31 जुलाई को रिपोर्ट नहीं सौंप सकी थी। टीम को कई विभागों के दस्तावेज नहीं मिले थे। इसके लिए संजय आर.भूसरेड्डी ने सकार से और समय मांगा था। सरकार ने इस एसआइटी को 30 अगस्त तक का समय दिया है। टीम को 30 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
उधर सुप्रीम कोर्ट ने भी रिटायर्ड जज अग्रवाल तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को भी अपनी जांच कमेटी में नामित किया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह दोनों लोग कानपुर के बिकरू कांड तथा विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच करेंगे। विकास दुबे को एसटीएफ ने दस जुलाई को कानपुर में एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। एसटीएफ की टीम विकास दुबे को उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी।