लखनऊ से बड़े होंगे कानपुर-आगरा के मेट्रो कोच, 75 यात्री अधिक बैठ सकेंगे
कानपुर के एक मेट्रो कोच में करीब 75 यात्री अधिक बैठ सकेंगे लखनऊ में चलने वाली मेट्रो के चार कोच में बैठ पाते हैं 1092 यात्री।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी के नार्थ साउथ कॉरिडोर में चलने वाली मेट्रो में यात्रियों को बैठाने की क्षमता जितनी है, उससे 75 यात्री ज्यादा बैठ सकेंगे तीन कोच वालीमेट्रो में। लखनऊ में चलने वाली चार कोच में अधिकतम यात्री 1092 बैठते हैं, वहीं लखनऊ के चारबाग से बसंतकुंज हो या फिर कानपुर व आगरा में चलने वाली मेट्रो में यात्री करीब 1050 बैठ सकेंगे। औसतन प्रति कोच 75 यात्री ज्यादा सफर कर सकेंगे। यह कोच लखनऊ के कोचों से ज्यादा लंबे होंगे, लखनऊ में चलने वाले मेट्रो कोचों की लंबाई साढ़े बाइस मीटर है, इन्हें करीब 24 मीटर का बनाया जाएगा।
यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि कोच में मौजूद सुविधाएं लखनऊ के नार्थ साउथ कॉरिडोर से किसी मायने में कम नहीं होंगी। जो आधुनिक अपग्रेडेशन हैं, वह कानपुर, आगरा की मेट्रो में देखने को मिलेंगे। उन्होंने बताया कि कम्यूनिकेशन बेस्ट ट्रेन कंट्रोल सिस्टम से यह कोच लैस होंगे। यानी अगर जरूरत पड़ती है तो कंट्रोल रूम से कानपुर व आगरा में चलने वाली मेट्रो को कंट्रोल रूम से बिना ड्राइवर के भी चलाया जा सकता है। ऐसा साफ्टवेयर फीडिंग होने के बाद संभव होगा, जो इस ट्रेन में संभव है। बता दे कि लखनऊ में भी चलने वाली मेट्रो में यह सुविधा है। यही नहीं मेट्रो के पहियों से इलेक्टिसिटी जनरेट हो सकेगी और ग्रिड में जाएगी।
मेट्रो का प्रयास है कि मेट्रो 40 फीसद तक बिजली जनरेट करे और मेट्रो के खर्चों में बिजली का खर्च इससे कुछ हद तक नियंत्रित हो सके। लखनऊ में बेहतर संचालन के कारण रोलिंग स्टॉक की टीम 38 फीसद तक बिजली बचा चुकी है। मेट्रो सूत्रों की माने जब लखनऊ के ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर में मेट्रो चलेगी, तो वहां भी तीन कोच की मेट्रो चलाने के साथ ही सबसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकेगा।