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Kamlesh Tiwari Murder Case : हत्यारोपितों का बरेली के वकील नावेद से आमना-सामना कराएगी पुलिस

Kamlesh Tiwari Murder case कमलेश तिवारी के हत्यारोपित दो दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर हैं। एसटीएफ ऑफिस में इनसे पूछताछ होगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 03:11 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 03:39 PM (IST)
Kamlesh Tiwari Murder Case : हत्यारोपितों का बरेली के वकील नावेद से आमना-सामना कराएगी पुलिस
Kamlesh Tiwari Murder Case : हत्यारोपितों का बरेली के वकील नावेद से आमना-सामना कराएगी पुलिस

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की राजनीति को गरमा देने वाले लखनऊ के कमलेश तिवारी हत्याकांड के दोनों आरोपितों को रिमांड में लेने के बाद अब एसटीएफ पूछताछ को गति देने के साथ इनके मददगारों की भी पोल खोलेगी। लखनऊ जिला कारागार में बंद कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों का आज एसटीएफ बरेली के मौलाना तथा वकील नावेद से भी आमना-सामना कराएगी।

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कमलेश तिवारी के हत्यारोपित दो दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर हैं। एसटीएफ ऑफिस में इनसे पूछताछ होगी। अधिकारी इनको लखनऊ जेल से लेकर एसटीएफ ऑफिस पहुंचे हैं। यहां पर एसटीएफ इनका नावेद से आमना-सामना कराएगी। कमलेश तिवारी के हत्यारोपित दो दिन की पुलिस रिमांड पर हैं।

कमलेश तिवारी के हत्यारोपित मोइनुद्दीन और अशफाक को पुलिस ने गुरुवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। पुलिस ने दोनों आरोपितों को कस्टडी रिमांड पर देने की मांग की। इसपर मजिस्ट्रेट ने दो दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर दी। इसके बाद दोनों आरोपितों को गोसाईगंज जिला कारागार भेज दिया गया।

पुलिस शुक्रवार सुबह दोनों आरोपितों को जेल से लेकर निकली। जिसके बाद उनसे दो दिन तक अलग-अलग बिंदुओं पर पूछताछ की जाएगी। गौरतलब है कि गुजरात पुलिस दोनों को गिरफ्तार किया था, जहां से लखनऊ पुलिस ने 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर दोनों को लेकर आई थी। उधर, बरेली निवासी मौलाना कैफी अली को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में दाखिल किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

अशफाक व मोइनुद्दीन ने पुलिस अफसरों को यह कहकर चौंका दिया कि नावेद ने उन्हें बताया था कि एसटीएफ उनके पीछे-पीछे शाहजहांपुर तक आ गई है। इसके बाद ही वे लोग शाहजहांपुर से दिल्ली जाने वाली ट्रेन पर बैठ गए थे। 20 अक्तूबर की रात यहां से चले और 21 की सुबह दिल्ली पहुंच गए। दिल्ली में शाम तक इन लोगों ने लालकिला, जामा मस्जिद घूमे। फिर दिल्ली से पोरबन्दर एक्सप्रेस से सूरत के लिये चल दिये थे।

शाहजहांपुर में ही चूकी थी यूपी पुलिस

पुलिस अफसरों ने बताया दोनों आरोपियों की कई कॉल वह लोग सर्विलांस की मदद से सुन ले रहे थे। इसी दौरान एक कॉल में परिवार के लोगों से अशफाक ने शाहजहांपुर से लखनऊ जाकर समर्पण करने को कहा था। इस पर 20 अक्तूबर को शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पहुंची पुलिस ट्रेन से बरेली के लिये चल दी। ट्रेन की तलाशी भी ली जाती रही। बस, इस ट्रेन पर चढऩा ही यूपी पुलिस की चूक हो गई।  पुलिस बरेली से लखनऊ तक उनके लिये चेकिंग करती रही। लखनऊ में इटौंजा से सीतापुर तक हर थाने की पुलिस मुख्य मार्ग और रेलवे-बस स्टेशन पर तलाशी ही लेती रह गई और वह लोग सूरत पहुंच गए।

नावेद ने ट्रेन में रखा था फोन

आरोपितों ने पुलिस को बयान में कहा है कि उन्होंने साथी नावेद को अपना फोन दे दिया था। नावेद ने उनके कहने पर मोबाइल को बरेली में पंजाब जा रही एक ट्रेन में रख दिया था। वह फोन अंबाला में किसी ने ऑन किया था, जिसके बाद पुलिस गुमराह हो गई थी।

गुजरात एटीएस परिजनों के सम्पर्क में थी

गुरुवार को कई घंटे तक की पूछताछ में जब सारी बातें सामने आयी तो गुजरात एटीएस पर सवाल भी उठाये गए। मसलन गुजरात एटीएस ने कहा था कि यह लोग ट्रक से राजस्थान-गुजरात सीमा पर पहुंचे थे। दोनों ने पोरबन्दर एक्सप्रेस से गुजरात जाने की बात कही है। इसके अलावा अशफाक के घर वालों के लगातार सम्पर्क में गुजरात एटीएस थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि गुजरात एटीएस के अफसरों के सामने ही अशफाक की पत्नी व पिता उससे बात करते थे। यह दबाव बनाते रहे थे कि दोनों लोग गुजरात आ जाये।

कानपुर में फेंक दिये थे दोनों फोन

हत्यारों ने बताया कि 16 अक्तूबर को वह लोग सूरत से कानपुर के लिये निकले थे। रास्ते में प्रदीप और कमल नाम के दो युवकों से दोस्ती कर ली। इनसे खूब बातें की। फिर इनके साथ ही कानपुर में एक स्टोर से जियो कम्पनी का मोबाइल नए सिम समेत लिया। इस नये नम्बर (9696....8330) से कमलेश तिवारी को फोन किया था। इसके बाद उन्होंने अपने दोनों फोन रास्ते में फेंक दिये थे। इसके बाद कॉल उन्होंने दोनों युवकों के फोन से भी की थी। कमलेश ने होटल में मिलने की बात कही थी लेकिन सुरक्षाकर्मी साथ होने की वजह से कहा था कि वह लोग ही मिलने आ जायेंगे। तब कमलेश ने दोपहर 12 बजे के बाद आने को कहा था।

जेल में बढ़ाई गई सुरक्षा

हत्यारोपितों पर हमले की आशंका के मद्देनजर लखनऊ पुलिस गुरुवार को अलर्ट दिखी। यही कारण है गोपनीय ढंग से दोनों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। यही नहीं जेल में भी मोइनुद्दीन, अशफाक और कैफी अली की सुरक्षा को लेकर जेल प्रशासन को सतर्क किया गया था। तीनों आरोपितों को तन्हाई बैरक में रखा गया है। यहां पर रिमांड अवधि के दौरान एएसपी पश्चिम आरोपितों की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। 


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