Move to Jagran APP

Kalyan Singh Health Update: भाजपा के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह को सांस लेने में परेशानी, अब नान इनवेसिव वेंटिलेटर पर

Kalyan Singh Health Update 89 वर्षीय कल्याण सिंह की हालत में शनिवार व रविवार की तुलना में सोमवार को अधिक दबाव के साथ ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। उनके परिवार के कुछ सदस्यों को भी सोमवार देर रात वहां पर बुलाया गया था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 09:01 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 10:57 AM (IST)
Kalyan Singh Health Update: भाजपा के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह को सांस लेने में परेशानी, अब नान इनवेसिव वेंटिलेटर पर
विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी में लगी हुई है।

लखनऊ, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याणसिंह की तबीयत में अपेक्षित सुधार नहीं है। सोमवार को उनको सांस की तकलीफ ज्यादा बढऩे पर हाई प्रेशर ऑक्सीजन मास्क (नान इनवेसिव वेंटिलेशन) पर रखा गया। कल्याण सिंह को सांस लेने में परेशानी होने के कारण नान इनवेसिव वेंटिलेटर पर रखा गया है। 

loksabha election banner

निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन ने बताया कि शनिवार शाम को सांस लेने में तकलीफ की परेशानी पर उन्हें कल शाम नॉन इनवेसिव वेंटिलेशन पर रखा गया था।  उनके सारे ब्लड मार्कर पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सीसीएम ,कार्डियोलॉजी नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी और एंडोक्रिनोलॉजी के विशेषज्ञ उनके स्वास्थ्य से जुड़े तमाम पहलुओं पर कड़ी नजर रखे हुए हैं सेप्सिस को नियंत्रित करने के लिए एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दबाएं चल रही है राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को चार जुलाई को संजय गांधी पीजीआई में भर्ती कराया गया था। 89 वर्षीय कल्याण सिंह की हालत में शनिवार व रविवार की तुलना में सोमवार को अधिक दबाव के साथ ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। उनके परिवार के कुछ सदस्यों को भी सोमवार देर रात वहां पर बुलाया गया था।

कल्याण सिंह की स्थिति अभी चिंताजनक है, किंतु उनके सारे पैरामीटर नियंत्रण में है। फिलहाल उन्हेंं ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। रविवार रात में उनकी स्थिति आज के अपेक्षाकृत नाजुक हो गई थी। उनके बीपी को नियंत्रण करने के लिए भी दवाएं दी जा रही हैं। यूरिन संबंधी दिक्कतों को भी दूर करने के लिए दवाएं चल रही हैं। सुबह से उनका बीपी नियंत्रण में है। अन्य पैरामीटर भी नियंत्रण में हैं। इसके बाद भी वह पहले की तरह रिस्पांस नहीं कर पा रहे हैं। किसी से बात भी नहीं कर पा रहे हैं। वह आंखें खोल रहे हैं। आईसीयू स्टाफ व परिवारजन संकेतों से उनका हाल-चाल पूछ रहे हैं। मगर कई बार वह आंखें खोलते हैं और फिर बंद कर लेते हैं। परिवार के ज्यादातर सभी सदस्य अस्पताल में मौजूद हैं।

संजय गांधी पीजीआइ के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान ने बताया कि सोमवार की अपेक्षा मंगलवार की सुबह से ही उनकी स्थिति में आंशिक सुधार महसूस किया जा रहा है। मगर जिस हिसाब से स्थिति में सुधार आना चाहिए वह तेज गति नहीं आ पा रही है। विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और विशेषज्ञ लगातार उनकी तबीयत की निगरानी रख रहे हैं। मैं खुद भी समय-समय पर राउंड लेकर हालात पर निगरानी रख रहा हूं।

संजय गांधी पीजीआइ के निदेशक डॉ.आरके धीमन के नेतृत्व में उनकी टीम कल्याणसिंह के इलाज में लगी है। उन्होंने बताया कि शनिवार रात को सांस और पेट फूलने की तकलीफ होने पर उनको ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। इसके बाद रविवार रात सांस की तकलीफ ज्यादा बढ़ गई, जिसके बाद उन्हें नान इनवेसिव वेंटिलेशन (एनआइवी) सपोर्ट पर रखना पड़ा। सोमवार से वह अभी तक उसी सपोर्ट पर हैं। संक्रमण व सेप्सिस के कारण एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाएं दी जा रही हैं। अभी भी विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी में लगी हुई है।

संजय गांधी पीजीआइ के स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, शनिवार शाम को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद कल्याण सिंह की ऑक्सीजन थेरेपी शुरू की गई है। यहां पीसीएम, कार्डियोलॉजी , नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी व एंडॉक्रिनलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक पूर्व मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। कल पेट में दर्द खत्म हो गया। सूजन कम है। चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम निगरानी कर रही है। कल्याण सिंह को गत चार जुलाई को संक्रमण व बेहाशी के कारण संजय गांधी पीजीआइ में भर्ती कराया गया था। इससे पहले उनका इलाज डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में चल रहा था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.