Move to Jagran APP

जाली नोट तस्करी के मामले में किशोरी ने कबूला अपना जुर्म, लखनऊ में किशोर न्याय बोर्ड ने किया दंडित

25 नवंबर 2019 को एटीएस ने जाली नोटों के साथ महिला समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। इनमें पश्चिम बंगाल की महिला के साथ ही अभियुक्त अमीनुल इस्लाम व लखीमपुर खीरी के फूलचंद के पास से एक लाख 79 हजार का जाली भारतीय नोट बरामद हुआ था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 10:05 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 07:09 AM (IST)
जाली नोट तस्करी के मामले में किशोरी ने कबूला अपना जुर्म, लखनऊ में किशोर न्याय बोर्ड ने किया दंडित
किशोर न्याय बोर्ड ने जेल व राजकीय संप्रेक्षण गृह में बिताई गई अवधि की सजा से किया दंडित।

लखनऊ, विधि संवाददाता। देश के विभिन्न स्थानों पर जाली नोट की सप्लाई करने के मामले में एक किशोरी अपचारिणी को उसके द्वारा जेल व राजकीय संप्रेक्षण गृह में बिताई गई अवधि की सजा से दंडित किया गया है। 26 नवंबर, 2019 को इसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। बाद में किशोरी घोषित होने पर इसे राजकीय संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया। पांच जनवरी को किशोर न्याय बोर्ड ने इसे अपना जुर्म कबूल करने के आधार पर दोषी करार दिया था। बोर्ड ने अपने आदेश में इसके कृत्य की भर्त्सना करते हुए भविष्य में इसे सदाचारी बने रहने की चेतावनी भी दी है।

loksabha election banner

25 नवंबर, 2019 को एटीएस ने सीतापुर रोड पर जाली नोटों की खेप के साथ एक महिला समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। इनमें पश्चिम बंगाल के माल्दा की रहने वाली महिला के साथ ही अभियुक्त अमीनुल इस्लाम व लखीमपुर खीरी के फूलचंद के पास से एक लाख 79 हजार का जाली भारतीय नोट बरामद हुआ था। इस मामले की एफआइआर एटीएस के निरीक्षक चैंपियन लाल ने थाना एटीएस में दर्ज कराई थी। इसके बाद विवेचना एनआइए को सौंप दी गई। एनआइए ने इनके खिलाफ जाली नोट की खरीद-फरोख्त व इसकी साजिश रचने के साथ ही विधि विरुद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम की धारा 16 व 18 में आरोप पत्र दाखिल किया था। विचारण के दौरान यह महिला किशोरी घोषित हुई, जिसके बाद इसके मामले का विचारण किशोर न्याय बोर्ड को भेज दिया गया। विचारण के दौरान बोर्ड के समक्ष उसने स्वेच्छा से अपना जुर्म कबूल कर लिया।

जाली नोट की सप्लाई करने वाले की जमानत अर्जी खारिज : जाली नोट की सप्लाई के करने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त शाहनवाज अंसारी उर्फ बंटी की जमानत अर्जी एनआइए/एटीएस की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है। विशेष जज कल्पना ने प्रथम दृष्टया इसके अपराध को गंभीर करार दिया है। विशेष वकील एमके सिंह के मुताबिक 11 दिसंबर, 2019 को एटीएस ने गाजियाबाद से अभियुक्त मुराद अली को गिरफ्तार किया था। इसके पास से दो लाख 49 हजार 500 का जाली भारतीय नोट बरामद हुआ था। इसके बाद विवेचना एनआइए को सौंप दी गई। चार फरवरी, 2020 को एनआइए ने इस मामले को दर्ज कर अपनी जांच शुरु की। विवेचना के दौरान अभियुक्त शाहनवाज अंसारी का नाम भी सामने आया था। 15 अक्टूबर, 2020 को प्रोडक्शन वारंट के जरिए इसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। यह पश्चिम बंगाल में जाली नोट के दूसरे मामले में निरुद्ध था। एनआइए इसके खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.