यूपी में 232 शिक्षकों की नौकरी पर लटकी तलवार, दिव्यांग कोटे से भर्ती अध्यापकों पर गड़बड़ी का आरोप
विशिष्ट बीटीसी 2007 2008 के तहत करीब एक हजार शिक्षकों का चयन हुआ था। उसी में इन शिक्षकों का चयन हुआ था उसके बाद कई बार वर्ष 2021 तक इन्हें राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होने के आदेश दिए गए लेकिन कोई भी शिक्षक नहीं आया।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्राथमिक स्कूलों में दिव्यांग कोटे से भर्ती हुए करीब 232 शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। इन शिक्षकों पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र लगाया है। पहले कई बार इन्हें मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया लेकिन यह नहीं आए। अब इन्हें बेसिक शिक्षा विभाग ने अंतिम मौका देते हुए 13 जून से 22 जून 2022 के मध्य मेडिकल बोर्ड के सामने जांच के लिए बुलाया है। फिलहाल निदेशालय की ओर से आदेश जारी होने के बाद हलचल बढ़ गई है।
विशिष्ट बीटीसी 2007, 2008 (विशेष चयन) के तहत करीब एक हजार शिक्षकों का चयन हुआ था। उसी में इन शिक्षकों का चयन हुआ था उसके बाद कई बार वर्ष 2021 तक इन्हें राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होने के आदेश दिए गए लेकिन कोई भी शिक्षक नहीं आया। ऐसे में अब बेसिक शिक्षा निदेशालय से सभी जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के प्राचार्यों को पत्र जारी कर निर्देश दिए गए हैं कि अगर यह शिक्षक इस अंतिम मौके पर भी नहीं आते हैं तो सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा इनके विशिष्ट बीटीसी के प्रमाण पत्र रद कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। यानी अगर यह मेडिकल बोर्ड के सामने पेश न हुए तो नौकरी से बाहर होना तय है। बता दें कि योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भी फर्जी तरीके से नौकरी हथियाने वाले शिक्षकों को बाहर का रास्त दिखाया गया था।
Edited By Vikas Mishra