JantaCurfew: कोरोना से जंग के लिए 22 मार्च-पांच बजे के पीछे का ज्योतिषीय गणित, आप भी समझिए...
Janta Curfew जानकर बताते हैं कि यह नक्षत्र शतभिषा यानी राहु का चरम काल है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कदम सराहनीय है।
लखनऊ, जेएनएन। भारतीय ज्योतिष में नौ ग्रह गिने जाते हैं। सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु। ज्योतिष के अनुसार, हर ग्रह की परिभाषा एक दूसरे से अलग होती है। राहु तमस असुर है। राहु काल को अशुभ माना जाता है। राहु परिवर्तन और दुर्घटनाओं का कारण भी होता है। राहु ग्रह नहीं, छाया ग्रह है। दुनियाभर में कहर बरपाने वाले कोरोना वायरस के लिए ज्योतिष के जानकर इसी को कारक बता रहे हैं।
कोरोना वायरस से जंग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च का दिन चुना, इसके पीछे भी ज्योतिषीय कारण हैं। दिन और समय चयन को लेकर तमाम तर्क देते हुए जानकर बताते हैं कि यह नक्षत्र शतभिषा यानी राहु का चरम काल है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम सराहनीय है।
ज्योतिषीय गणित
तारीख 22 : जोड़ 4 (यानी राहु का जोड़)
22 (2+2 =4)+5 = 9 (ज्योतिष में 9 का उल्टा अंक 4 माना गया है)
वैज्ञानिक कारण भी
संध्याकाल में विषाणु सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं। इस समय घर में खुले आकाश के नीचे ध्वनि जैसे घंटी, ताली, शंख बजाने से उत्पन्न वाइब्रेशन से वायरस डी-एक्टिवेट होते हैं।
पहले ही थी आशंका
21 फरवरी को प्लूटो (यम) मकर राशि में गोचर करता है। यह लगभग 250 वर्षों में राशिचक्र (जोडियक) का एक चक्कर पूरा करता है। ज्योतिष में इस ग्रह को देशिक और सांसारिक भविष्यवाणी के लिए प्रयोग किया जाता है। प्लूटो (यम) ग्रह ने 21 फरवरी को मकर राशि में प्रवेश किया है, यह मकर राशि में शनि से युति कर रहा है जो कि बड़ी जन-धन हानि का सूचक है।
25 मार्च से मिलेगी राहत
लखनऊ में राजेंद्र नगर स्थित महाकाल मंदिर के आचार्य महादेव तिवारी ने बताया कि राहु विकट परिस्थितियों का कारक है। संक्रमण भी फैलाता है। छह-सात महीने तक इसका प्रभाव देखने को मिलेगा, पर 25 मार्च से शुरू हो रहे नव संवत्सर से कुछ राहत की उम्मीद है।
रविवार सूर्य का दिन
लखनऊ विश्वविद्यालय ज्योतिर्विज्ञान विभाग के डॉ. बिपिन पांडेय ने बताया कि रविवार सूर्य का दिन होता है। सूर्य समाज की विघ्न बाधा, खासकर वायरस के निवारण का ग्रह है। सूर्य को देव वैद्य कहा गया है। पांच बुध का अंक है, जो शांतिकारक होता है। इस कारण भी पांच बजे का चुनाव सही था। राहु बीमारी और व्याधि का रक बनता है, जबकि 22 का जोड़ चार यानी राहु का अंक। इस लिहाज से इस दिन का चयन सर्वोत्तम निर्णय है।