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जल निगम भर्ती घोटाला : एसआइटी को रिजल्ट में नंबरों की गड़बड़ी करने के मिले पुख्ता वैज्ञानिक साक्ष्य

जल निगम भर्ती घोटाला फोरेंसिक साक्ष्य जुटाने के बाद एसआइटी ने शासन को रिपोर्ट सौंप दी और पूर्व मंत्री आजम खां समेत अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की अनुमति मांगी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 07:48 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 07:48 PM (IST)
जल निगम भर्ती घोटाला : एसआइटी को रिजल्ट में नंबरों की गड़बड़ी करने के मिले पुख्ता वैज्ञानिक साक्ष्य
जल निगम भर्ती घोटाला : एसआइटी को रिजल्ट में नंबरों की गड़बड़ी करने के मिले पुख्ता वैज्ञानिक साक्ष्य

लखनऊ, जेएनएन। यूपी में समाजवादी पार्टी (SP) के शासनकाल में हुए जल निगम भर्ती घोटाले में पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां समेत अन्य आरोपितों की मुश्किलें और बढ़ेंगी। विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) को रिजल्ट में गड़बड़ी किए जाने के पुख्ता वैज्ञानिक साक्ष्य मिले हैं।

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सूत्रों का कहना है कि परीक्षा संचालित कराने वाली संस्था अपटेक के अधिकारियों व कर्मचारियों की मदद से रिजल्ट में कई अभ्यर्थियों के नंबर बढ़ाए गए थे और फिर इंटरव्यू के बाद उनका चयन कर लिया गया था। फोरेंसिक साक्ष्य जुटाने के बाद एसआइटी ने शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और पूर्व मंत्री समेत अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की अनुमति मांगी है। 

सपा शासनकाल में जल निगम में 1300 पदों पर हुई भर्तियों में अनियमितता के आरोप लगे थे। भाजपा सरकार के गठन के बाद शासन ने पूरे मामले की जांच एसआइटी को सौंपी थी। जांच में सामने आया था कि नियमों को दरकिनार कर भर्तियां की गई थीं। तब आजम खां नगर विकास मंत्री व जल निगम के अध्यक्ष थे। एसआइटी ने जांच के बाद घोटाले में एफआइआर दर्ज किए जाने की सिफारिश की थी।

शासन के आदेश पर एसआइटी ने 25 अप्रैल 2018 को पूर्व मंत्री आजम खां के अलावा जलनिगम के तत्कालीन एमडी पीके आसूदानी, नगर विकास विभाग के पूर्व सचिव एसपी सिंह (अब सेवानिवृत्त), पूर्व मंत्री आजम के तत्कालीन ओएसडी सैय्यद आफाक अहमद व तत्कालीन चीफ इंजीनियर अनिल कुमार खरे व अन्य के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी, षड्यंत्र, साक्ष्य छिपाने व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज कर विवेचना शुरू की थी।

आजम खां समेत अन्य आरोपितों के बयान दर्ज करने के साथ ही एसआइटी ने परीक्षा के रिजल्ट की हार्डडिस्क को जांच के लिए हैदराबाद स्थित सेंट्रल फोरेंसिक लैब भेजा था। एसआइटी की जांच में अपटेक के अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका भी कठघरे में है। उनकी भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

एसपी सिंह के खिलाफ नहीं मिले साक्ष्य

जल निगम भर्ती घोटाले में एसआइटी ने आजम खां के करीबी अधिकारियों में शुमार रहे नगर विकास विभाग के पूर्व सचिव एसपी सिंह (अब सेवानिवृत्त) की भूमिका की भी लंबी छानबीन की। उनसे पूछताछ भी की गई थी। सूत्रों का कहना है कि एसपी सिंह के खिलाफ किसी आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं।


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