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शूटिंग रेंज पर विवाद: निशाना कहां साधा जाएगा? काशी नगरी या नवाबी नगरी में

मुख्यमंत्री ने बनारस में शूटिंग रेंज बनाने की घोषणा की थी अफसर लखनऊ के शूटिंग रेंज का जीर्णोद्धार चाहते हैं।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 10:14 AM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 08:15 AM (IST)
शूटिंग रेंज पर विवाद: निशाना कहां साधा जाएगा? काशी नगरी या नवाबी नगरी में
शूटिंग रेंज पर विवाद: निशाना कहां साधा जाएगा? काशी नगरी या नवाबी नगरी में

लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। शूटर नवाबी नगरी लखनऊ में निशाना साधेंगे या फिर काशी नगरी बनारस में? इसे लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। एक तरफ मुख्यमंत्री की घोषणा तो दूसरी तरफ अफसरों के अपने-अपने तर्क भी हैं। फिलहाल शूटिंग रेंज दुविधा में फंस गई है। अब यह रिपोर्ट तैयार की जा रही है कि मुख्यमंत्री को लखनऊ नगर निगम की शूटिंग रेंज की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया जाए। जिससे नए दिशा निर्देश मिल सके। 

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लखनऊ में मुख्यमंत्री ने दो फरवरी को बनारस में शूटिंग रेंज बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद दस मई को शासन की तरफ से खेल विभाग को यह पत्र लिखा गया कि बनारस (वाराणसी) में निर्मित शूटिंग रेंज को विकसित किया जाना है या फिर दिल्ली के डॉ.कर्ण सिंह शूटिंग रेंज की तरह नया निर्माण कराया जाना है। अगर बनारस में शूटिंग रेंज को खेल विभाग विकसित करता है तो उसे डीएम से भूमि स्वामित्व का हस्तांतरण कराना होगा। इसके बाद शासन स्तर पर ही भी निर्देश दिए गए कि लखनऊ से पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी क्षेत्रों के खिलाडिय़ों के लिए यह उचित होगा कि शूटिंग रेंज को बनारस के बजाय लखनऊ में ही बनाया जाए। यहां अमौसी हवाई अड्डे के पास नादरगंज में नगर निगम का शूटिंग रेंज है, लेकिन वह जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। अगर नगर निगम शूटिंग रेंज को खेल विभाग को हस्तांतरित कर देता है तो इससे नए शूटर तैयार करने के साथ ही शूटिंग प्रतियोगिता से भी लाभ मिलेगा। अब खेल विभाग को यह रिपोर्ट देनी है कि लखनऊ नगर निगम का शूटिंग रेंज किन मानकों का बना है और मौजूदा स्थिति कैसी है। खेल निदेशक आरपी सिंह ने अपर मुख्य सचिव खेल और नगर आयुक्त को पत्र लिखकर शूटिंग रेंज के निर्माण को लेकर चल रही प्रक्रिया से भी अवगत कराया है। 

मायावती सरकार में बनी थी शूटिंग रेंज 

लखनऊ में मायावती सरकार में शूटिंग रेंज का निर्माण कराया गया था। वर्ष 2008 से यह शूटिंग रेंज अनुपयोगी हो गई थी। समय-समय पर यहां प्रतियोगिताएं होती रहीं या फिर असहले का लाइसेंस लेने वालों को यहां बंदूक, रिवाल्वर व अन्य हथियार को चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। 

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