भारतीय जाली नोट के जरिये अर्थव्यवस्था पर फिर चोट पहुंचाने की फिराक में ISI, जड़ें खोदने में जुटी ATS
एटीएस पश्चिम बंगाल के मालदा से जाली नोटों की सप्लाई करने वाले गिरोह तक पहुंचने के लिए एक बार फिर कसरत कर रहा है। आगरा से एक नवंबर को जाली नोटों के साथ पकड़े गए तहसीन खान और मु.वसीम से पूछताछ में उनका दिल्ली व एनसीआर कनेक्शन सामने आया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) पश्चिम बंगाल के मालदा से जाली नोटों की सप्लाई करने वाले गिरोह तक पहुंचने के लिए एक बार फिर नए सिरे से कसरत कर रहा है। आगरा से एक नवंबर को जाली नोटों के साथ पकड़े गए तहसीन खान और मु.वसीम से पूछताछ में उनका दिल्ली व एनसीआर कनेक्शन सामने आया है। दोनों पूर्व में दिल्ली से भी जाली नोटों के साथ पकड़े जा चुके हैं। सामने आया है कि वे लंबे समय से मालदा से जाली नोट लाकर उनकी सप्लाई यूपी और दिल्ली में कर रहे थे। यह भी सामने आया है कि लॉकडाउन के बाद अब एक बार फिर कई गिरोह सक्रिय हुए हैं और खासकर दीपावली पर बड़ी संख्या में जाली नोट खपाने का प्रयास किया जा रहा है।
एटीएस के एक अधिकारी के अनुसार मालदा में जाली नोट बांग्लादेश से सप्लाई किए जा रहे हैं। भारतीय जाली नोट आइएसआइ एजेंट पाकिस्तान से बांग्लादेश पहुंचा रहे हैं। लॉकडाउन के बाद एक बार फिर इस काम में तेजी आई है। मालदा में बड़ी संख्या में जाली नोट सप्लाई करने वाले कुछ गिरोह के बारे में भी एटीएस को ठोस सूचनाएं मिली हैं। कई तथ्यों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) से भी साझा किया गया है। दिल्ली में पूर्व में पकड़े गए कुछ अन्य जाली नोट तस्करों के बारे में भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
एटीएस ने आगरा से बुलंदशहर निवासी तहसीन खान व दिल्ली के द्वारका क्षेत्र निवासी मु.वसीम को 5.97 लाख रुपये के जाली नोटों के साथ पकड़ा था और अब पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में अपने कई साथियों की जानकारी दी है। दरअसल, आइएसआइ पहले से ही देश की अर्थव्यवस्था में सेंध लगाने के लिए बड़ी संख्या में जाली नोट की सप्लाई कराता रहा है। यही वजह थी कि सरकार को आठ नवंबर 2106 को नोटबंदी की घोषणा कर इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए अपनी मुद्रा के नए नोट बाजार में लाने पड़े थे। अब दो हजार व पांच सौ रुपये के नए नोटों के हूबहू जाली नोटों की सप्लाई भी धड़ल्ले से हो रही है।
पश्चिम बंगाल के जिस नेटवर्क से जाली नोट लाए जाने की बात कही जा रही है, उसमें नेपाल के रास्ते भी देश में जाली नोट पहुंचाने वाले गिरोह शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसियों को जाली नोट के एटीएम से निकलने की शिकायतें भी मिली हैं। जाली मुद्रा के इस काले कारोबार में नेपाल के कुछ बैंकों की भूमिका भी संदेह के घेरे में रही है।