Move to Jagran APP

जावेद के सहारे आइएसआइ का लिटमस टेस्ट, अब सुनवाई

पाकिस्तानी नागरिक जावेद कमाल के पकड़े जाने से आइएसआइ के खतरनाक मंसूबे उजागर होते जा रहे हैं। भारत में स्थापित होने के लिए जावेद दो वर्ष से होमवर्क कर रहा था। जावेद कमाल के सहारे आइएसआइ महराजगंज की सोनौली सीमा के रास्ते आवागमन के मामले में लिटमस टेस्ट करना चाहती

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2015 08:18 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2015 08:23 PM (IST)
जावेद के सहारे आइएसआइ का लिटमस टेस्ट, अब सुनवाई

लखनऊ। पाकिस्तानी नागरिक जावेद कमाल के पकड़े जाने से आइएसआइ के खतरनाक मंसूबे उजागर होते जा रहे हैं। भारत में स्थापित होने के लिए जावेद दो वर्ष से होमवर्क कर रहा था। जावेद कमाल के सहारे आइएसआइ महराजगंज की सोनौली सीमा के रास्ते आवागमन के मामले में लिटमस टेस्ट करना चाहती थी।

loksabha election banner

अब तक आइएसआइ की गतिविधियों पर गौर करें तो कोई भी पाकिस्तानी अवैध तरीके से सोनौली के रास्ते भारत में प्रवेश नहीं किया था। जावेद को भेज कर आइएसआइ के जिम्मेदार यह जानने के जुगत में थे कि सोनौली का रास्ता घुसपैठ के लिए मुफीद है कि नहीं। हालांकि जावेद के पकड़े जाने से नेपाल में मौजूद भारत विरोधी तत्व बैकफुट पर आ गए हैं। यहां तक कि पड़ोसी मुल्क में मौजूद उसके शरणदाता भी भूमिगत हो चुके हैं। आइएसआइ के इस टेस्ट के बाद खुफियां एजेंसिया चौकन्नी हैं। नेपाल में आइएसआइ का जाल तोडऩे के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। २३ अक्टूबर को बिना वीजा हिरासत में लिए गए जावेद कमाल की गतिविधियां शुरू से ही संदेह के घेरे में थी। अपने को एग्रीकल्चर में पीएचडी बताने वाले जावेद ने बताया कि उसे एबीसीडी तक की जानकारी नहीं है। बाद में खुफिया जानकारी के बाद जो सच्चाई उजागर हुई वह भी चौकाने वाली थी। जावेद द्वारा फैसलाबाद के ही एक व्यवसायी की पीएचडी सहित सभी डिग्री लेकर यहां स्थानीय रूप से जड़ जमाने की कोशिश कर रहा था लेकिन बार्डर पर पकड़े जाने के बाद उसका मंसूबा कामयाब नहीं हो सका। जावेद के शरणदाताओं को शिकंजे में कसने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी बहुत हद तक कामयाब हो चुके हैं। २१ दिन भारत में रुकने की योजना को गंभीर माना जा रहा है। इसी के चलते जावेद के संभावित ठिकानों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक भारत सिंह का कहना है कि सभी मामले पर पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लेने का प्रयास किया जा रहा है।

पुलिस रिमांड की कार्रवाई आज

विदेशी विषयक अधिनियम के तहत जेल में बंद पाकिस्तानी नागरिक जावेद कलाम की पुलिस रिमांड की कार्रवाई आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिवाकर द्विवेदी के अवकाश पर चले जाने के पूरी नहीं हो सकी। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सर्वजीत ङ्क्षसह ने पुलिस रिमांड की कार्रवाई के लिए २८ अक्टूबर की तारीख तय की है। जावेद कमाल के अधिवक्ता एटी पांडेय ने कहा कि पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों को पूरी जांच करनी चाहिए, बिना जांच के किसी भी पाकिस्तानी को आतंकवादी घोषित नहीं किया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.