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यूपी के मदरसों में शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर गडबड़ी, SIT ने अल्यसंख्यक कल्याण विभाग से मांगे दस्तावेज

मीरजापुर के 100 से अधिक मदरसों में आर्थिक अनियमितता की गंभीर शिकायत है जिसकी जांच एसआइटी ने तेज की है। इसके अलावा आजमगढ़ के कई और मदरसों की भी जांच चल रही है। अल्पसंख्यक विभाग से जांच से संबंधित कई दस्तावेज भी मांगे गए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 08:20 PM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 12:32 AM (IST)
यूपी के मदरसों में शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर गडबड़ी, SIT ने अल्यसंख्यक कल्याण विभाग से मांगे दस्तावेज
यूपी के मदरसों में शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर गडबड़ी हुई है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। आजमगढ़ के 20 मदरसों में शिक्षकों की नियुक्तियों में धांधली के मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने मीरजापुर समेत कुछ अन्य जिलों में भी जांच का दायरा बढ़ाया है। मीरजापुर के 100 से अधिक मदरसों में आर्थिक अनियमितता की गंभीर शिकायत है, जिसकी जांच एसआइटी ने तेज की है। इसके अलावा आजमगढ़ के कई और मदरसों की भी जांच चल रही है।

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सूत्रों का कहना है कि कुछ अन्य जिलों के मरदसों में गड़बड़ी की शिकायतें हैं, जिनकी एसआइटी जल्द जांच शुरू कर सकती है। डीजी एसआइटी डॉ.आरपी सिंह ने मीरजापुर व आजमगढ़ के मदरसों की जांच किए जाने की पुष्टि की है। उनका कहना है कि अल्पसंख्यक विभाग से जांच से संबंधित कई दस्तावेज भी मांगे गए हैं।

मीरजापुर के मदरसों में सरकारी योजना के तहत दी गई रकम के अपव्यय की गंभीर शिकायतों की जांच को आगे बढ़ाने के लिए एसआइटी विभागीय दस्तावेज मिलने का इंतजार कर रही है। इसके अलावा आजमगढ़ के कई अन्य मदरसों में नियुक्तियों में धांधली की जांच अभी चल रही है।

उल्लेखनीय है कि एसआइटी ने आजमगढ़ के 20 मदरसों में नियमों को दरकिनार कर शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने के साक्ष्य जुटाए हैं। जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर एफआइआर भी दर्ज हो चुकी है। माना जा रहा है कि कुछ अन्य एफआइआर भी दर्ज की जा सकती हैं। हालांकि पहले साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जांच का दायरा कुछ अन्य जिलों में भी बढ़ सकता है। एसआइटी की जांच में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कई अधिकारियों व कर्मियों की भी जल्द मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

एसआइटी ने 21 लोगों पर दर्ज किया मुकदमा : आजमगढ़ के 20 मदरसों में फर्जी नियुक्तियों के मामले में विशेष जांच दल (एसआइटी) ने गबन, धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र की धारा में 21 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एसआइटी को जांच में यहां कई शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्तियां अवैध मिली हैं। कुछ शिक्षक पद के अनुरूप योग्यता नहीं रखते थे फिर भी उनका चयन कर लिया गया। इस मामले में अल्पसंख्यक निदेशालय में तैनात कुछ अफसरों की भूमिका की भी जांच हो रही है। प्रारंभिक जांच में दो अफसरों के नाम सामने आ रहे हैं। दरअसल, आजमगढ़ और मीरजापुर के मदरसों में फर्जी नियुक्तियों की शिकायत आई थी इसी के बाद प्रदेश सरकार ने एसआइटी को इस पूरे मामले की जांच सौंप दी थी। एसआइटी की शुरुआती जांच में ही आजमगढ़ के 20 मदरसों में फर्जी नियुक्तियों की पुष्टि हुई जिसके बाद यह एफआइआर दर्ज की गई। वहीं, इस मामले में तत्कालीन रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता व संयुक्त निदेशक शेषनाथ पाण्डेय की भूमिका की भी जांच हो रही है।

इन लोगों को खिलाफ दर्ज हुई है एफआइआर : एसआइटी ने जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है उनमें आजमगढ़ के कई मदरसा प्रबंधक व अध्यक्ष के अलावा गलत तरह से नियुक्ति पाने वाले शिक्षक व कर्मचारी हैं। इनमें अध्यक्ष जहीन अहमद, प्रबंधक अहमदुल्लाह, लिपिक शादाब अहमद , लिपिक फहीम एजाज, लिपिक अरशद, चपरासी मुस्ताक अहमद , सहायक अध्यापक गयासुर्रहमान, सहायक अध्यापक अब्दुल अलीम, सहायक अध्यापक अब्बास अली, सहायक अध्यापक बरकत अहमद दानिश, सहायक अध्यापक अरमान अहमद, सहायक अध्याापक यासमीन, सहायक अध्यापक मो. मेंहदी, सहायक अध्यापक साजिदा बानो, लिपिक शहनवाज, प्रबंधक गयासुद्दीन, प्रबंधक अख्तर अब्बास, प्रबंधक फैजान अहमद, प्रबंधक मो. आरिफ, प्रबंधक गुलाम मोहम्मद, प्रबंधक हफीजुर्रहमान शामिल हैं। इसके अलावा अनियमित नियुक्तियों को बिना सत्यापन अनुमोदित करने वाले उस समय के रजिस्ट्रार व संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।


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