IRCTC ने किया लांच किया लेह और लद्दाख का तीसरा पैकेज, कोरोना के बाद बढ़ी हिल स्टेशन की डिमांड
आइआरसीटीसी के क्षेत्रीय कार्यालय ने लेह एवं लद्दाख भ्रमण के लिए हवाई टूर पैकेज 22 से 26 अगस्त के लिए लांच किया था। सात दिन व छह रात वाला यह पैकेज 32100 रुपये का था। हर टूर में 15 पर्यटकों को घुमाने की व्यवस्था की गई थी।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। कोरोना के कारण कई महीनों से बाहर की सैर न कर पाने वाले लोगों में अब मनोरम स्थलों पर जाने की रुचि बढ़ी है। ऐसे में सबसे अधिक मांग लेह व लद्दाख जैसे स्थल पर जाने की हो रही है। यहीं कारण है कि भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) ने एक पैकेज लेह व लद्दाख का लांच किया था। यह पैकेज फुल हुआ तो दूसरा पैकेज भी आइआरसीटीसी ने तैयार किया था। वहीं, अब अपना तीसरा पैकेज भी लांच करना पड़ा है।
आइआरसीटीसी के क्षेत्रीय कार्यालय ने लेह एवं लद्दाख भ्रमण के लिए हवाई टूर पैकेज 22 से 26 अगस्त के लिए लांच किया था। सात दिन व छह रात वाला यह पैकेज 32100 रुपये का था। हर टूर में 15 पर्यटकों को घुमाने की व्यवस्था की गई थी। पहला पैकेज लांच किया तो वह फुल हो गया। इसके बाद छह से 12 अगस्त तक के लिए दूसरे पैकेज की बुकिंग शुरू की गई, लेकिन वह भी फुल हो गई। अब आइआरसीटीसी का नया पैकेज 14 से 20 अगस्त के लिए तैयार किया गया है। इसमें 15 की जगह 24 पर्यटकों को लेह व लद्दाख की सैर कराई जाएगी। इस पैकेज की बुकिंग आइआरसीटीसी की वेबसाइट के अलावा इसके संपर्क नंबर 8287930908/8287930909/8287930910 और 8287930911 पर भी की जा सकेगी।
सीबीआइ ने रेलकर्मी पर दर्ज किया ठगी का केस: सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने रेलवे के असिस्टेंट पर्सनल आफिसर (एपीओ) लवकुश के विरुद्ध गबन व धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। नार्थ सेंट्रल रेलवे, प्रयागराज में एपीओ पे-बिल लवकुश ने फर्जी बिलों के जरिये करीब एक करोड़ रुपये हड़प लिए। आरोपित लवकुश के साथ सरकार धन हड़पने में दो अन्य कर्मचारी भी संलिप्त थे। लवकुश ने असिस्टेंट लोको पायलट नरेश ङ्क्षसह के बैंक खाते की डिटेल में फेरबदल किया और एक निजी बैंक में खोले गए खाते का नंबर चढ़ा दिया गया। इसके बाद फर्जी बिलों के जरिये करीब एक करोड़ रुपये उस निजी बैंक के खाते में जमा किए गए और फिर उस रकम को दूसरे फर्जी खातों में ट्रांसफर कर हड़प लिया गया। इसके अलावा नरेश ङ्क्षसह समेत दो कर्मचारियों के मूल वेतन में भी फेरबदल कर सरकारी धन का गबन किया गया। सीबीआइ ने प्रारंभिक जांच के बाद एफआइआर दर्ज की है।