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इकबाल अंसारी की बड़ी मांग, खत्म किया जाए अयोध्या का विवादित ढांचा केस-बरी क‍िए जाएं आरोप‍ित

बाबरी मस्जिद के पक्षकार ने कहा प्रधानमंत्री के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष भी सराहनीय है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 04:17 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 07:55 AM (IST)
इकबाल अंसारी की बड़ी मांग, खत्म किया जाए अयोध्या का विवादित ढांचा केस-बरी क‍िए जाएं आरोप‍ित
इकबाल अंसारी की बड़ी मांग, खत्म किया जाए अयोध्या का विवादित ढांचा केस-बरी क‍िए जाएं आरोप‍ित

अयोध्या, जेएनएन। अयोध्या बाबरी मस्जिद पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने सीबीआई कोर्ट में चल रहे अयोध्या विवादित ढांचा केस को समाप्त कर आरोपियों को कोर्ट कचहरी से मुक्ति दिलाने की मांग की है।  इकबाल अंसारी का कहना है कि सरकार इस मुकदमे को जल्दी खत्म करें। सुप्रीम कोर्ट का मंदिर के हक में फैसला आ चुका है।सभी ने स्वीकार किया अब देश मे हिन्दू मुस्लिम का कोई विवाद नहीं। प्रधानमंत्री के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष भी सराहनीय है तीन तलाक जैसे मुद्दे को भी बहुत अच्छे ढंग से कायम कराया है सभी खुश हैं। 

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छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में जहां विशेष कोर्ट ने चार जून को सभी आरोपियों को तलब किया है, वहीं बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे मो. इकबाल अंसारी ने शनिवार को जागरण से विशेष बातचीत में इच्छा जताई कि ढांचा ढहाए जाने का केस समाप्त किया जाना चाहिए, ज‍िससे आरोपियों को कोर्ट-कचहरी से मुक्ति मिले। उनकी चाहत है कि सरकार इस मुकदमे  को जल्द खत्म करे। उनका कहना है कि सुप्रीमकोर्ट से मंदिर के हक में फैसला आ चुका है और इस फैसले को सभी पक्ष स्वीकार कर चुके हैं। अब देश में ह‍िंंदू-मुस्लिम का कोई विवाद नहीं है।

पीएम मोदी की तरीफ की

वे इतने पर  ही नहीं रुके। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का दूसरा कार्यकाल भी सराहनीय है। तीन तलाक जैसे मुद्दे को भी बहुत अच्छे ढंग से हल किया गया है और सभी पक्ष खुश हैं। ऐसे में कोई ऐसा काम नहीं होना चाहिए, जिससे देश का माहौल बिगड़े। हम देश की तरक्की चाहते हैं और सभी को देश की तरक्की में योगदान करना चाहिए। बाबरी मस्जिद की पैरोकारी करने के बावजूद इकबाल और 20 जुलाई 2016 को चिरनिद्रा में लीन हुए उनके वालिद तथा बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाशिम अंसारी सांप्रदायिक सद्भाव के पर्याय रहे हैं। मंदिर-मस्जिद विवाद की तनातनी से इतर हाशिम अंसारी और उनके बाद इकबाल बराबर यह कहते रहे हैं कि यह मसला कोर्ट से हल हो और कोर्ट का जो भी निर्णय आए, उसे स्वीकार करते हुए लोग विवाद को भूल मुल्क की तरक्की में लगें।


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