IPS ने अंग्रेजी में लिखी 'फरियाद', पुलिस का मुकदमे से इन्कार Lucknow news
प्लॉट से सागौन के दो पेड़ कर लिए गए थे चोरी महज चार लाइन में भेजी थी तहरीर। गुजरात कैडर के वरिष्ठ अफसर ने एसएसपी लखनऊ से साधा संपर्क।
लखनऊ [निशांत यादव]। तकनीक के सहारे 'स्मार्ट' बनने का दावा करने वाली राजधानी पुलिस अंग्रेजी के चार अक्षरों के सामने बेबस नजर आई। वो भी तब, जब दुनिया की सबसे ज्यादा बोली और लिखी जाने वाली भाषा में शिकायत आमजन ने नहीं बल्कि गुजरात कैडर के आइपीएस ने की थी। अंग्रेजी में लिखी तहरीर देखकर पुलिस के हाथ-पांव इस कदर फूले, यह भी नहीं सोचा कि शिकायतकर्ता कौन है? आखिर में मामला एसएसपी तक पहुंचा, तब दो दिन बाद जाकर मुकदमा दर्ज हो पाया।
दरअसल, विनोद कुमार मल 1986 बैच के गुजरात कैडर के आइपीएस हैं। इस समय वह गुजरात में एडीजी (पुलिस रीफार्म) हैं। उनका चिनहट के सतरिख में खाली प्लॉट है। उसपर उन्होंने सागौन सहित कई पेड़ लगाए हैं। उनके प्लाट में लगे सागौन के दो पेड़ कुछ दिन पहले चोर काट ले गए। इसकी सूचना एडीजी को परिजनों ने दी, जिसके बाद उन्होंने अपना परिचय देते हुए थाना चिनहट पुलिस को सोमवार को इंग्लिश में तहरीर लिखकर भिजवा दी। तहरीर ज्यादा लंबी नहीं थी।
आइपीएस ने सिर्फ इतना लिखा कि सतरिख रोड स्थित प्लॉट में लगे दो सागौन के पेड़ काट लिए गए। जब तहरीर थाना चिनहट पुलिस के सामने पहुंची तो जैसे उन्हें अंग्रेजी के चंद काले अक्षर भैैंस बराबर महसूस हुए। उन्होंने एडीजी के भेजे शिकायतकर्ता से दो टूक कह दिया, अंग्रेजी नहीं ङ्क्षहदी में लिखकर लाओ...। तब दर्ज करेंगे मुकदमा।
बैरंग लौटे शिकायतकर्ता ने एडीजी को फोन पर पूरा वाकया बताया। फिर क्या था, उन्होंने तुरंत ही एसएसपी कलानिधि नैथानी को लखनऊ पुलिस की करतूत फोन पर बताई। मामला सीनियर अफसर से जुड़ा था, जिसके बाद एसएसपी ने तुरंत तहरीर मंगवाकर चिनहट थाने भेजी। तब जाकर बुधवार को चोरी का मामला दर्ज हो पाया। हालांकि, इस मामले में एसएचओ सचिन कुमार सिंह का कहना है कि उन्होंने किसी एफआइआर को दर्ज करने से मना नहीं किया है।
एसएसपी कलानिधि नैथानी नेे कहा कि पूरे मामले की जानकारी हुई है। यह गंभीर है कि शिकायत को अंग्रेजी में नहीं लिया गया। इस मामले में इंस्पेक्टर से जवाब मांगा गया है।