प्रत्यूष हत्याकांड: गुनहगारों को पकडऩे के लिए नामजद आरोपितों को हमले में भेजा जेल
एसएसपी घटना के बाद ही समझ गए थे कातिल कोई और हैं।
लखनऊ, जेएनएन। भाजपा नेता प्रत्यूष मणि त्रिपाठी के हत्यारोपित नामजद आरोपित नहीं हैं, यह बात एसएसपी कलानिधि नैथानी को घटनास्थल के पड़ताल के बाद ही पता चल गई थी। यही कारण है कि प्रत्यूष की हत्या में जिन लोगों को नामजद किया गया था, एसएसपी ने उनको पहले से दर्ज जानलेवा हमले के मुकदमे में गिरफ्तार कराया।
प्रत्यूष ने घर में घुसकर हमले का आरोप लगाते हुए कैसरबाग कोतवाली में सलमान, अदनान, शीबू, रोहित समेत अन्य अज्ञात लोगों पर जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। चारों नामजद आरोपित हमले के मुकदमें ही गिरफ्तार हैं। एसएसपी ने घटना के बाद सलमान और अदनान को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसपर उन्होंने बताया कि प्रत्यूष के घर पर हमला तो किया था, लेकिन उसकी हत्या नहीं की। उनकी बताई गई लोकेशन भी सीसी फुटेज और सीडीआर में दूसरी जगह दिखी। जिसके बाद एसएसपी की पड़ताल में भाजयुमो के पांच कार्यकर्ताओं के चेहरे से नकाब हटे और प्रत्यूष की हत्या में उन्हें गिरफ्तार किया गया। इन आरोपितों की लोकेशन भी घटनास्थल पर ही मिली। चाकू खरीदते हुए सीसी कैमरे की फुटेज भी मिली।
इंस्पेक्टर वजीरगंज पंकज सिंह के मुताबिक प्रत्यूष की हत्या के बाद पहले से सुनियोजित तरीके से एसएसपी के खिलाफ नारेबाजी की गई, लेकिन एसएसपी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने हत्या के मुकदमे में नामजद सलमान और अदनान को गिरफ्तार तो किया, लेकिन उन्हें पहले से दर्ज हमले के मुकदमे में जेल भेजा गया, क्योंकि एसएसपी को सटीक जानकारी हो गई थी कि हत्यारे कोई और हैं। एसएसपी ने पूरे मामले को स्वयं मॉनीटर किया, जिसके चलते असली गुनहगार सलाखों के पीछे हैं। प्रत्यूष पर हमला करने वाले आरोपितों को हत्या में फंसाने के लिए जाल तो बुना गया था, लेकिन एसएसपी ने असली गुनहगारों को इसमें कामयाब नहीं होने दिया।