Move to Jagran APP

जरूरत और जुनून ने दिलाई थी भारतीय टीम में जगह, हॉकी खिलाड़ी रहे लखनऊ के सुजीत ने साझा किए अनमोल पल

पूर्व ओलंपियन और भारत के दिग्गज हॉकी खिलाड़ी रहे हैं लखनऊ के सुजीत कुमार। इलाहाबाद मूल निवासी सुजीत कुमार 30 वर्षों से लखनऊ के गोमतीनगर में रह रहे हैं। एयर इंडिया में करीब 24 साल अपनी सेवा देने के बाद हो चुके रिटायर्ड।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 04:24 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 04:24 PM (IST)
पूर्व ओलंपियन और भारत के दिग्गज हॉकी खिलाड़ी रहे हैं लखनऊ के सुजीत कुमार।

लखनऊ [विकास मिश्र]। वर्ष 1975 की बात है। मैं परिवार के साथ इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में रहता था। पिता जी ने हॉकी खिलाड़ी बनाने के उद्देश्य से मेरा दाखिला मेरठ के स्पोर्ट्स हॉस्टल में करवा दिया। करीब पांच साल का समय बीत गया। इस दौरान मैं दसवीं कक्षा में था। हॉस्टल में सरकार की तरफ से सभी सुविधाएं मिल रही थीं। हालांकि, इसके बावजूद मेरे पिता जी प्रत्येक माह 50 रुपये खर्च के लिए भेजते थे। मुझे महसूस हुआ कि परिवार के खर्च से कटौती कर मुझे पैसा भेजा जा रहा है।

loksabha election banner

अगर मेरा चयन भारतीय टीम में हो जाए तो सम्मान तो बढ़ेगा ही साथ ही मेरे और परिवार की जरूरत भी पूरी हो जाएगी। यहीं से मेरी असली ट्रेनिंग शुरू हुई। मेरे साथ 11 और लड़कों ने एक साल के भीतर टीम इंडिया में जगह बनाने का संकल्प लिया। कोच के कुशल मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत से वर्ष 1981 में हम सभी भारतीय सीनियर टीम में चयनित हुए। यह मेरे जीवन का सबसे यादगार पल है। यह कहना है पूर्व ओलंपियन और भारत के हॉकी खिलाड़ी रहे लखनऊ के सुजीत कुमार का।

दैनिक जागरण से बातचीत में इस दिग्गज हॉकी खिलाड़ी ने बताया कि वर्ष 1981 में इटली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप के लिए जो भारतीय टीम चुनी गई थी, उसमें वो 11 लड़के भी शामिल थे जो मेरठ स्पोर्ट्स हॉस्टल में मेरे साथ प्रशिक्षु थे। यह हम सभी के लिए फक्र की बात थी कि उत्तर प्रदेश के 12 खिलाड़ी एक साथ देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे थे। 

सुजीत कुमार ने बताया कि यह सफलता ऐसे ही नहीं मिली थी। इसके लिए हम लोगों ने बहुत मेहनत की और तकनीकी पर फोकस किया। इस दौरान हॉस्टल के कोच रात दो से चार बजे तक ट्रेनिंग कराते थे। हम लोग महीनों रात में सिर्फ चार घंटे सोते थे। उन्होंने कहा, जब मैं टीम इंडिया के लिए चयनति हुआ तो पिता जी बहुत भावुक थे। उन्होंने कहा था कि थकना नहीं, अभी बहुत आगे जाना है। उनकी बातों को मैंने कभी दरकिनार नहीं किया। शायद यही वजह थी कि मैं सफल रहा।

लखनऊ है भाग्यशाली

सुजीत कुमार एयर इंडिया में करीब 24 साल अपनी सेवा देने के बाद रिटायर्ड हो चुके हैं। वैसे तो वह इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के मूल निवासी हैं। लेकिन करीब 30 वर्षों से लखनऊ के गोमतीनगर में रहते हैं। दिग्गज हॉकी खिलाड़ी सुजीत बताते हैं, मेरे लिए लखनऊ भाग्यशाली रहा है। जब मेरा चयन सीनियर भारतीय टीम में हुआ तो उस दौरान मैं लखनऊ में जूनियर टीम इंडिया का कैंप कर रहा था। बोले, यूरोप टूर में भारतीय टीम गोल्ड मेडल जीती और लौटते ही मुझे जूनियर टीम का कप्तान बना दिया गया। उन्होंने कहा, जूनियर विश्व कप के क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में मेरी कप्तानी में टीम इंडिया ने रजत पदक जीता। इसके अलावा वर्ष 1988 में केन्या के टूर पर गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम सदस्य भी रहा। सुजीत कुमार को शानदार प्रदर्शन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार वर्ष 2016 में लक्ष्मण अवॉर्ड से भी सम्मानित कर चुकी है। फिलहाल, वह इन दिनों केडी सिंह बाबू सोसायटी के माध्यम से हॉकी की पौध तैयार कर रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.