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Interview: विश्व कप के लिए कुश्ती कैंप स्थगित करना सही फैसला- पहलवान दिव्या काकरान

लखनऊ साई सेंटर में पिछले माह 26 अक्टूबर को शुरू हुआ था राष्ट्रीय महिला कुश्ती कैंप एक सप्ताह बाद ही अनिश्चितकाल के लिए किया गया स्थगित। दैनिक जागरण से बातचीत में महिला पहलवान ने कहा लगभग सभी खिलाड़ी उच्च स्तरीय अखाड़े में ट्रेनिंग करते हैं।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 07:36 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 07:36 AM (IST)
Interview: विश्व कप के लिए कुश्ती कैंप स्थगित करना सही फैसला- पहलवान दिव्या काकरान
दैनिक जागरण से बातचीत में महिला पहलवान ने कहा, लगभग सभी खिलाड़ी उच्च स्तरीय अखाड़े में ट्रेनिंग करते हैं।

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी के सरोजनीनगर स्थित साई सेंटर में भारतीय कुश्ती संघ के कड़ी मशक्कत के बाद करीब आठ माह बाद राष्ट्रीय कुश्ती कैंप की शुरुआत हुई। टोक्यो ओलंपिक की तैयारी को पुख्ता करने के लिए देश की 15 अव्वल महिला पहलवानों ने इस शिविर में अपनी उपस्थिति भी दर्ज कराई। हालांकि, ट्रेनिंग शुरू होने के एक सप्ताह बाद ही खिलाडिय़ों के अनुरोध पर फेडरेशन ने इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। इसका मूल कारण अगले महीने सर्बिया में होने वाले विश्व कप को बताया गया। 

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वहीं, मुजफ्फरनगर (उप्र) की मूल निवासी और अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहलवान दिव्या काकरान ने कहा, हमारे पास ओलंपिक क्वालीफायर के सिर्फ तीन टूर्नामेंट ही बचे हैं। जिसमें फरवरी में होने वाली विश्व चैंपियनशिप और एशियन चैंपियनशिप भी शामिल है। ऐसे में तैयारी पुख्ता करने के लिहाज से अगले माह सर्बिया में 12 से 17 दिसंबर तक आयोजित विश्व कप हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए फेडरेशन का कैंप स्थगित करने का फैसला बिल्कुल सही है।

दैनिक जागरण से बातचीत में महिला पहलवान ने कहा, लगभग सभी खिलाड़ी उच्च स्तरीय अखाड़े में ट्रेनिंग करते हैं। ऐसे में लखनऊ के साई सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय महिला कुश्ती कैंप के स्थगित होने का कोई असर नहीं पड़ेगा। दिव्या काकरान के मुताबिक, मैं खुद करीब दो साल से दिल्ली के गुरु प्रेम अखाड़ा में जार्जिया के अंतरराष्ट्रीय कोच व्लादिमिर के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग कर रही हूं। मेरी तैयारी सही दिशा में चल रही है। 

हालांकि, इस दौरान भारतीय टीम के मुख्य कोच कुलदीप मलिक से ऑनलाइन मदद भी लेती हूं। उन्होंने कहा, लखनऊ में भी कोच कुलदीप मलिक के मार्गदर्शन में हम सभी की तैयारी अच्छी चल रही थी, लेकिन यहां दिवाली के बाद पहुंचने वाले खिलाडिय़ों को 14 दिनों तक क्वारंटाइन में समय बिताना अनिवार्य था, जो हमारे लिए बहुत मुश्किल था। क्योंकि अगले माह 12 से 17 दिसंबर तक सर्बिया में विश्व कप का आयोजन होना है। बचे हुए इन 14 दिनों में हम लोग अपनी तैयारी और पुख्ता कर सकते हैं। दिव्या ने टोक्यो ओलंपिक में पदक भी जीतने की उम्मीद जताई। कहा, इस बार टोक्यो में भारतीय महिला व पुरुष दोनों वर्गों के पहलवान अपने प्रदर्शन की बदौलत इतिहास रचेंगे। इसके लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं। मैं सिर्फ क्वालीफाई ही नहीं, बल्कि देश के लिए पदक जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दूंगी। दिव्या ने साक्षी मलिक और पूजा ढांडा को ओलंपिक का प्रबल दावेदार बताया।


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