International Labor Day 2021: कोरोना संक्रमण पर श्रमिकों को 28 दिन का सवेतन अवकाश, जानिए अपने अधिकार
International Labor Day 2021 सहायक श्रमायुक्त रवि श्रीवास्तव ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस एक मई को श्रमिक योजनाओं की दी जाएगी आनलाइन जानकारी। अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर सरकार की ओर से श्रमिक नेताओं से बातचीत कर योजनाओं का फीडबैक भी लिया जाएगा।
लखनऊ, (जितेंद्र उपाध्याय)। कोरोना संक्रमण की वजह से कारोबार पर पड़े प्रभाव को देखते हुए श्रम विभाग की ओर से श्रमिकों की सहायता की जा रही है। कोरोना संक्रमण काल में सरकार ने श्रमिकों के हितों को देखते हुए 28 दिन का सवेतन अवकाश देने का निर्णय लिया है। ऐसे सभी कारखानों और संस्थानों में यह लागू होगा जहां श्रमिक अधिनियम कानून लागू है। इसके अलावा कारखानों में हाड़तोड़ मेहनत करने वाले श्रमिकों के लिए श्रम विभाग की ओर से कई योजनाओं का संचालन संक्रमण काल में भी लागू रहेगा। अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (एक मई) को उन योजनाओं के बारे में विभाग की ओर से आनलाइन जानकारी भी दी जाएगी।
श्रमिकों के बच्चे गुणवत्तायुक्त शिक्षा ग्रहण कर सकें इसके लिए संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत उनकी आर्थिक मदद की जाती है। पंजीकृत श्रमिकों को मिलने वाली यह रकम वर्तमान में राजधानी के 1.05 लाख श्रमिकों के साथ ही प्रदेश के करीब 40 लाख श्रमिकों को मिल रही है। सहायक श्रमायुक्त रवि श्रीवास्तव ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर सरकार की ओर से श्रमिक नेताओं से बातचीत कर योजनाओं का फीडबैक भी लिया जाएगा।
इसलिए मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस
श्रम प्रवर्तन अधिकारी यशवंत सिंह ने बताया कि श्रमिक हितों की रक्षा के लिए एक मई को हर साल अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस मनाया जाता है। एक मई 1886 को इसकी शुरुआत हुई थी। इस दिन अमेरिका की मज़दूर यूनियनों ने काम का समय आठ घंटे से ज़्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ था। यह बम किस ने फेंका किसी का कोई पता नहीं। इसके निष्कर्ष के तौर पर पुलिस ने मज़दूरों पर गोली चला दी और सात मज़दूर मार दिए। कुछ समय के बाद अमेरिका में आठ घंटे काम करने का समय निश्चित कर दिया गया था। उसी दिन से यह दिवस मनाया जाता है। कोरोना संक्रमण के चलते सभी योजनाएं आनलाइन हो गई है। किसी भी श्रमिक काे कार्यालय आने की जरूरत नहीं है।
श्रमिक शिशु हितलाभ
श्रमिकों को दो संतान तक 12 हजार रुपये शिशु हितलाभ मिलता है। संतान कन्या होगी तो यह रकम 15 हजार रुपये होती है। धनराशि पंजीकृत श्रमिक के खाते में सीधे भेजी जाती है। इसके अलावा शिक्षा के लिए श्रमिकों के बच्चों को आर्थिक मदद दी जाती है।
प्रतिमाह मिलती है रकम
- कक्षा एक से पांच तक-100
- कक्षा छह से आठ तक-150
- कक्षा नौ से 10 तक-200
- कक्षा 11 से 12 तक-250
- आइटीआइ-500
- पॉलीटेक्निक डिप्लोमा-800
- इंजीनियरिंग- 3000
- मेडिकल-5000
- पीएचडी-8000
ये हैं मुख्य योजनाएं
- कार्यस्थल पर श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर पांच लाख की सहायता।
- कार्यस्थल पर गंभीर रूप से घायल व विकलांगता की श्रेणी में आने पर दो लाख की तत्काल सहायता।
- श्रमिक के निधन पर अंतेष्टि के लिए 25 हजार की तत्काल मद्द।
- महिला श्रमिकों के मातृत्व लाभ के लिए उन्हें तीन महीने के वेतन के बराबर धनराशि और एक हजार बोनस।
- सामूहिक कन्या विवाह के लिए 75 हजार।
- श्रमिकों के बच्चों के लिए मेधावी छात्र योजना के तहत 4000 से लेकर 12,000 तक की वार्षिक सहायता।
- मातृत्व हितलाभ योजना के तहत तीन महीने का वेतन और एक हजार रुपये बोनस देने का प्रावधान।