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कोरोना वायरस आउटब्रेक में टेक्नोलाजी बनी हथियार, लखनऊ में इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम ने आसान की जंग

लखनऊ में कोरोना वायरस को नियंत्रण करने में इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम के माध्यम से होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों को कॉल करके उनका हालचाल व स्वास्थ्य संबंधित जानकारी भी निरंतर ली जा रही है। इस विभाग के पास जनपद के समस्त कोविड हास्पिटलों का डेटा उपलब्ध रहता है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Thu, 25 Mar 2021 11:08 AM (IST)Updated: Thu, 25 Mar 2021 11:08 AM (IST)
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लखनऊ प्रशासन ने इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल रूम स्‍थापित किया था कारगर साबित हो रहा है।

लखनऊ [राजीव बाजपेयी]। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रशासन द्वारा स्थापित किया गया इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल रूम रोगियों के लिए अब तक कारगर साबित हो रहा है। कमांड सेंटर से कोविड-19 को लेकर उपचार, फालोअप, एम्बुलेंस, एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम एवं एल-1, एल-2, एल-3 कोविड अस्पतालों में समुचित उपचार की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है। आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में डाक्टरों और प्रशासनिक अधिकारियों ने दिन-रात काम किया, जिससे कोरोना के खिलाफ जंग मजबूती से लड़ी जा रही है। कंट्रोल रूम के माध्यम से होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों को कॉल करके उनका हालचाल व स्वास्थ्य संबंधित जानकारी भी निरंतर ली जा रही है। 

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कंट्रोल रूम के प्रमुख कार्य

पब्लिक ग्रीवेंस सेल : समस्याओं और शिकायतों के त्वरित निस्तारण के उद्देश्य से पब्लिक ग्रीवेंस सेल की स्थापना की गई है।

कोविड हास्पिटल मैनेजमेंट : कोविड हास्पिटल में कितने बेड वर्तमान में उपलब्ध हैं और कितने बेड को पाजिटिव रोगियों को आवंटित किए जा चुके हैं, इसकी जानकारी रखना है। इस विभाग के पास जनपद के समस्त कोविड हास्पिटलों का डेटा उपलब्ध रहता है। यदि पाजिटिव रोगी को हास्पिटल में भर्ती करने की आवश्यकता है तो किस हास्पिटल में कितने बेड खाली हैं, इसकी सूचना सीएमओ आफिस को पहुंचाई जाती है, जिसके आधार पर तत्काल रोगी को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है।

नान कोविड हास्पिटल मैनेजमेंट : इसके द्वारा लक्षण वाले रोगियों से संपर्क किया जाता है और यदि उनको होम आइसोलेशन की आवश्यकता होती है तो एक घोषणा पत्र वाट्सएप के माध्यम से मंगा कर उनको होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाती है। घोषणा पत्र में रोगी को अपना नाम, पता, मोबाइल नम्बर तथा होम आइसोलेशन के प्रोटोकाल के अनुरूप अलग शौचालय आदि के विवरण की घोषणा करनी होती है। 

एम्बुलेंस मैनेजमेंट : इस डिपार्टमेंट के द्वारा टेस्टिंग व सर्विलांस टीमों के द्वारा प्राप्त डेटा का विश्लेषण करके लक्षण वाले व बिना लक्षण वाले रोगियों से सम्पर्क करते हैं। लक्षण वाले रोगियों को हास्पिटल में एम्बुलेंस द्वारा भर्ती कराने के साथ बिना लक्षण वाले रोगियों को सेल्फ आइसोलेशन की अनुमति प्रदान करते हैं। 

डोर-टू-डोर सर्विलांस मैनेजमेंट : कुल आठ सौ टीमें आठ जोनवार लगाई गई हैं, जो डोर-टू-डोर जा कर लोगों से संवाद करती हैं और कोविड-19 के लक्षण वाले लोगों को चिह्नित करती हैं। उक्त टीमों के द्वारा प्रतिदिन का डेटा सर्विलांस मैनेजमेंट सेल को भेजा जाता है, जिसका विश्लेषण करके सेल द्वारा रोगियों से सम्पर्क किया जाता है।

डीएसओ पोर्टल पंचिंग : इस पोर्टल पर कोविड-19 ट्रेसिंग का ब्योरा प्रतिदिन आनलाइन दर्ज किया जाता है। साथ ही कोरोना केसों की रियल टाइम मैपिंग भी की जाती है।


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