Move to Jagran APP

UP राज्यपाल आनंदी बेन की पहल, 26 जनवरी को प्रदेश की जेलों से रिहा होंगे 500 बीमार व बुजुर्ग कैदी

Initiative of Governor Anandi Ben Patel प्रदेश में गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को 500 कैदियों की रिहाई मिलेगी। यह सब वहहैं जिनकी या तो उम्र ज्यादा है या फिर किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसके लिए डीजी जेल को निर्देश दिया थे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 12:05 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 12:05 PM (IST)
UP राज्यपाल आनंदी बेन की पहल, 26 जनवरी को प्रदेश की जेलों से रिहा होंगे 500 बीमार व बुजुर्ग कैदी
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसके लिए डीजी जेल को निर्देश दिया

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बड़ी पहल की है। नारी निकेतन गृह के साथ बालिका सुधार केंद्रों को लेकर बेहद गंभीर राज्यपाल की पहल पर प्रदेश में लम्बे समय से जेलों में बंद बीमार, कमजोर तथा रिहाई की शर्त को पूरा करने वाले 500 कैदियों को रिहाई मिलेगी। इनमें भी महिलाओं को वरीयता मिलेगी।

loksabha election banner

उत्तर प्रदेश में गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को पांच सौ कैदियों की रिहाई मिलेगी और वे अपने घर जा सकेंगे। यह सब वह कैदी हैं, जिनकी या तो उम्र ज्यादा है या फिर यह लोग किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसके लिए डीजी जेल को निर्देश दिया था। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ही इन 500 कैदियों की रिहाई पर अंतिम फैसला लेंगीं। लखनऊ की आदर्श जेल, नारी बन्दी निकेतन के अलावा वाराणसी, बरेली, आगरा, फतेहगढ़ और नैनी सेंट्रल जेल के साथी ही जिला जेल के कैदी रिहाई के पात्र होंगे। राज्यपाल के निर्देश पर जिला जेलों के कैदियों की सूची डीजी जेल आनंद कुमार ने योगी आदित्यनाथ सरकार को भेज दी है।

राज्यपाल लखनऊ नारी बंदी गृह में बुजुर्ग महिलाओं को देखकर भावुक हुईं थीं। रिहाई में ज्यादातर महिला कैदियों को वरीयता दी जा सकती है। प्रदेश सरकार की रिहाई की स्थायी नीति के तहत उन्ही कैदियों को पात्र माना जाएंगे जो 16 वर्ष की वास्तविक सजा काट चुके अच्छे चाल चलन वाले कैदी होंगे। जेलों से करीब 800 कैदियों के केस आए थे। इनमें रिहाई के लिए सभी मानक पूरे करने वाले 500 कैदी पाए गए। सभी कैदियों का ब्यौरा डीजी जेल ने शासन को दे दिया है। शासन स्तर पर बनाई गई कमेटी ब्यौरा देख कर इन पर विचार करेगी।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल लखनऊ में 21 नवंबर को अपने जन्मदिन पर लखनऊ के नारी बंदी निकेतन की महिलाओं के बीच थीं। वहां उन्होंने बुजुर्ग और बीमार महिलाओं की हालत देखी तो उन्होंने उनकी रिहाई कराने की सोची। उन्होंने इस बारे में महिला कैदियों को आश्वासन भी दिया था। इसके बाद राज्यपाल ने डीजी जेल आनंद कुमार और डीएम अभिषेक प्रकाश को निर्देश दिए थे कि महिला कैदियों के बारे में ब्योरा उनको भेजें। डीआईजी वीपी त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश के जेलों में 500 ऐसे कैदी मिले हैं जो रिहाई की शर्तों को पूरा करते हैं। इन सभी 500 कैदियों की सूची योगी सरकार को भेज दी गई है। सरकार के स्तर पर इस सूची पर विचार होगा। उसके बाद इसे राजभवन राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।

प्रदेश में कैदियों की रिहाई के लिए नियम बने हुए हैं। इस नियम के तहत जो कैदी 16 वर्ष की सजा काट चुके हैं और जिनका व्यवहार अच्छा रहा है, उनको रिहाई का पात्र माना जाता है। इनमें जो महिला हैं या जो कैंसर, हार्ट, ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उनको रिहाई की पात्रता में प्राथमिकता मिलती है। जो कैदी 80 साल या उससे ज्यादा के हो चुके हैं, वे भी रिहाई के पात्र होते हैं। संविधान के अनुछेद 161 के तहत सजायाफ्ता कैदियों को समय से पहले रिहाई का अधिकार राज्यपाल को है, लेकिन इसके लिए कुछ मानक तय हैं। इसमें नरसंहार और सामूहिक हत्या जैसी जघन्य वारदात को अंजाम देने के मामले में दोषसिद्ध बंदियों को शामिल नहीं किया गया है। इसी कड़ी में इस बार गणतंत्र दिवस पर दया याचिका के आधार पर समय पूर्व दोष सिद्ध कैदियों को रिहा किया जाता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.