अगर आप रेड लिपिस्टिक लगाती हैं तो जरा रहिएगा सतर्क
कॉस्मेटिक प्रोडक्ट का संभलकर करें इस्तेमाल। 53 में से एक महिला को सर्वाइकल कैंसर का खतरा। फिक्की फ्लो की ओर से सर्वाइकल कैंसर पर कार्यक्रम आयोजित हुआ।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाली मौत का दूसरा बड़ा कारण है। जागरुकता की कमी, अज्ञानता, बदलती हुई जीवनशैली और प्रदूषण इसकी प्रमुख वजहें हैं। यही नहीं रोजाना इस्तेमाल होने वाले कॉस्मेटिक प्रोडक्ट भी खतरनाक हैं। एक अनुमान के अनुसार हर 53 में से एक महिला को सर्वाइकल कैंसर की आशंका रहती है। यह जानकारी फेडरेशन ऑफ प्रसूति एंड स्त्री रोग सोसाइटी ऑफ इंडिया की डॉ.निहारिक मलहोत्रा ने दी। वो फिक्की फ्लो लखनऊ-कानपुर चैप्टर की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं।
डॉ. निहारिका ने बताया कि 30 से 69 वर्ष के बीच की महिलाओं में सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर होने की आशंका रहती है। इसके लिए नौ वर्ष से लेकर 35 वर्ष की आयु तक की महिलाओं को एचपीवी वैक्सीनेशन जरूर करवाना चाहिए। पूरे विश्व में सर्वाइकल कैंसर में भारत का योगदान एक चौथाई है। यही नहीं कुल कैंसर से होने वाली मौतों में 17 फीसद में कारण सर्वाइकल कैंसर है।
रेड लिपस्टिक सबसे ज्यादा हानिकारक
डॉ.निहारिका ने बताया कि रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल होने वाले कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में सबसे हानिकारक कैमिकल होते हैं। रेड लिपस्टिक और सिंदूर में लेड की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। वहीं कैडमियम से लंग कैंसर का खतरा रहता है। यही नहीं रोजाना यूज होने वाले शैंपू में भी 14 से ज्यादा कैमिकल होते हैं।
महज पांच से 10 फीसद कैंसर ही जेनेटिकल
डॉ. जयदीप मलहोत्रा ने बताया कि कहा जाता है कि अगर किसी के परिवार में कैंसर की हिस्ट्री है तो उसे भी कैंसर की संभावना सबसे ज्यादा होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। लगभग पांच से 10 फीसद मामले ही जेनेटिकल होते हैं। बाकि बॉडी की इम्यून सिस्टम पर निर्भर करता है। डॉ.मलहोत्रा ने बताया कि कीटाणुनाशक और लाइफ स्टाइल, प्रदूषण की वजह से होता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ.निधि एस टंडन ने की, वहीं स्निग्धा अग्रवाल, हलवासिया की वाइस चेयरपर्सन माधुरी, दीपाली गर्ग, पूजा गर्ग, अंजू नारायण, आरुषि टंडन, देवांशी सेठ, असमा हुसैन, सीमू घई और ज्योत्सना मेहता शामिल रहीं।