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भारत व नेपाल सीमा के नो-मैंस लैंड पर अब धरना नहीं

महराजगंज जिले में भारत व नेपाल की सोनौली सीमा के साथ ही नेपाल के बेलहिया में बड़ी संख्या में नेपाली प्रहरी दल व एसएसबी के जवान तैनात हैं। कल शाम दोनों देश के अधिकारियों के बीच हुई वार्ता में यह तय किया गया था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2015 02:28 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2015 07:32 PM (IST)
भारत व नेपाल सीमा के नो-मैंस लैंड पर अब धरना नहीं

लखनऊ। भारत-नेपाल की सोनौली सीमा और नेपाल के बेलहिया में बड़ी संख्या में नेपाली प्रहरी दल और एसएसबी जवान तैनात हैं। कल शाम दोनों देश के अधिकारियों की बैठक तय किया गया था कि आज से नो मेन्स लैंड में मधेशियों को धरना देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। फिलहाल सीमा के आसपास आज कहीं भी मधेशी आंदोलनकारी नजर नहीं दिखे। दूसरी तरफ कल हरियाणा के ट्रक ड्राइवर राजेंद्र सिंह व एक अन्य के नेपाल के बेलहिया में घायल होने के मामले में सस्पेंस बरकरार है। आज सुबह से पंजाबी व स्थानीय ड्राइवर सीमा पर डटे हैं। उनका आरोप है कि सीमा के पार राजेंद्र के साथ जिस ड्राइवर की पिटाई की गई थी, उसका पता नहीं चल रहा है। राजेंद्र सिंह को सोनौली पहुंचा दिया गया लेकिन पिटाई से जख्मी ड्राइवर की मौत हो गई है, लेकिन नेपाली प्रशासन इंकार कर रहा है। कल घायल लक्ष्मीपुर निवासी दीपक वर्मा अस्पताल में भर्ती है। नापाल में आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति नहीं नगण्य है। पेट्रोल 200-300 प्रति लीटर तथा रसोई गैस 2500 रुपये में बिक रहा है।

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नेपास सीमा पर पेट्रोल-डीजल की तस्करी

मधेशियों व थारुओं के आंदोलन ने पड़ोसी मुल्क की नेपाल की रफ्तार रोक दी है। आवश्यक वस्तुओं का मूल्य आसमान छू रहा है। पेट्रोल-डीजल के लिए हाहाकार मचा है। रसोई गैस की किल्लत हैं। आंदोलन की आड़ लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी तेज हो गई है। तस्कर पगडंडी के रास्ते आवश्यक वस्तुओं को नेपाल के नवलपरासी व रूपनदेही जिले के विभिन्न स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। वहां पर उन्हें मुंहमांगा दाम मिल रहा है। आंदोलन के चलते नेपाल में सबसे अधिक डीजल व पेट्रोल की किल्लत हुई है। गैलन के अलावा तस्कर वाहनों की टंकियां तेल से फुल कर उसे सीमा पार ले जा रहे हैं। यही काम दिनभर में कई बार किया जा रहा है।

चालीस किमी साइकिल चलाने के बाद मिला डीजल

पेट्रोल-डीजल की किल्लत के चलते नेपाल के अधिकांश हिस्सों में सवारी वाहन भी नहीं चल रहे हैं। ऐसे में साइकिल ही सहारा बनी है। भारत के बरगदवा कस्बे से चालीस किलोमीटर दूर पालाटीकर गांव से साइकिल चलकर सोमवार को डीजल लेने आए वीरेंद्र गौड़ ने बताया कि खेत में खड़ी धान की फसल सूख रही है। सुबह साइकिल उठाई तो चार घंटे बाद बरगदवा पहुंच पाए हैं। तेल लेने आए नवलपरासी के फुल्लन व गणेश, सोनवल के प्रकाश चौधरी ने भी कमोवेश यही पीड़ा बयां की।

सीमा से लौटे आबकारी डिप्टी कमिश्नर

नेपाल के आबकारी अधिकारियों से वार्ता के लिए भैरहवा जा रहे गोरखपुर के आबकारी डिप्टी कमिश्नर को मंगलवार दोपहर सोनौली सीमा से वापस आना पड़ा। एक्साइज उपायुक्त आरएस मिश्रा व आबकारी निरीक्षक बसंत कुमार सोनौली सीमा पर पहुंचे। तनाव के चलते उन्होंने पुलिस से नेपाल के आबकारी विभाग में संपर्क व उन्हें भैरहवा तक जाने में सहयोग मांगा, मगर पुलिस कर्मियों ने उन्हें नेपाल न जाने की सलाह दी तो वह सीमा से वापस हो गये।


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