आइएएस अनुराग मामले में एलडीए वीसी के चालक और गनर से पूछताछ
आइएएस अनुराग मामले में सीबीआइ ने एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह के दो चालकों, गनर व एलडीए के व्यवस्था अधिकारी से पूछताछ की।
लखनऊ (जेएनएन)। कर्नाटक कैडर के आइएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की मौत के मामले में सीबीआइ टीम एक-एक कदम बढ़ा रही है। प्रत्यक्षदर्शी महिला व ट्रक चालक को खोज निकालने के बाद सीबीआइ कुछ अन्य बिंदुओं पर भी पड़ताल कर रही है। बुधवार को सीबीआइ ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के वीसी प्रभु एन सिंह के दो चालकों, गनर व एलडीए के व्यवस्था अधिकारी से पूछताछ की।
घटनाक्रम की जानकारी ली
सीबीआइ ने नोटिस देकर एलडीए के व्यवस्था अधिकारी अशोक पाल सिंह, एलडीए वीसी के गनर विशाल, चालक सुभाष व मुतव्विर हसन से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए। बताया गया कि सीबीआइ ने खासकर चालक व गनर से 16 मई की रात व 17 मई की सुबह के घटनाक्रम के बारे में जानकारी हासिल करने का प्रयास किया। इसे लेकर उनसे कई सवाल पूछे गए। माना जा रहा है कि अगली कड़ी में सीबीआइ अब जल्द एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह से पूछताछ कर सकती है। अनुराग को लेकर उनके बैचमेट प्रभु एन सिंह से विभिन्न बिंदुओं पर पूछताछ किए जाने की तैयारी है। सीबीआइ अनुराग के गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 19 से निकलने से लेकर सड़क तक पहुंचने के घटनाक्रम की गुत्थी को सुलझाने में जुटी है। जबकि एसआइटी की जांच में एक भी ऐसा प्रत्यक्षदर्शी नहीं मिला था, जिसने अनुराग तिवारी को गेस्ट हाउस से बाहर निकलते देखा हो। पुलिस जांच में यह स्पष्ट नहीं हो सका था कि अनुराग गेस्ट हाउस से बाहर कब और किन परिस्थितियों में आए थे। अनुराग अपने फोन को कमरे में छोड़कर आए थे जबकि पर्स उनके पास था।
घरवालों से भी होगी पूछताछ
सीबीआइ की टीम बहराइच स्थित अनुराग के घर गई थी लेकिन, तब उसकी मुलाकात परिवारीजन से नहीं हो सकी थी। बताया गया कि सीबीआइ घरवालों से संपर्क कर कुछ खास बिंदुओं पर जानकारी लेगी। अनुराग के बड़े भाई मयंक से भी दोबारा पूछताछ की जा सकती है। सीबीआइ पोस्टमार्टम हाउस में फॉरेंसिक साइंस लैब के संयुक्त निदेशक डॉ. जी खान की मौजूदगी को लेकर हुए मतभेद की वजह तक भी पहुंचने का प्रयास कर रही है। इस कड़ी में सीबीआइ डॉ. खान के अलावा पोस्टमार्टम पैनल में शामिल तीन डॉक्टरों से भी पूछताछ कर चुकी है। वहीं डॉ. जी खान का कहना है कि वह फॉरेंसिक साइंस लैब के निदेशक डॉ. एसबी उपाध्याय के लिखित निर्देश पर फॉरेंसिक साक्ष्य संकलन के लिए पोस्टमार्टम हाउस गए थे। उन्होंने वह पत्र सीबीआइ को दिया है। डालीगंज में जाम की वजह से उन्हें पोस्टमार्टम हाउस पहुंचने में देर भी हुई थी। जब वह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे, तब शव की चीर-फाड़ हो चुकी थी और पोस्टमार्टम अंतिम चरण में था। वह सुबह घटनास्थल का निरीक्षण करने भी गए थे।