मायावती और कांशीराम की एक-एक मूर्ति की कीमत 45-45 लाख रुपये तक
स्मारकों में डा. आंबेडकर, कांशीराम के साथ ही दलित महापुरुषों की तो मूर्तियां लगाई ही गईं, मायावती ने खुद की भी मूर्तियां लगवाईं और तमाम जगह हाथी भी स्थापित कराए।
लखनऊ [अजय जायसवाल]। बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप मे अपने कार्यकाल में लखनऊ से लेकर नोएडा तक 42 अरब रुपये से बनवाए गए स्मारकों में मूर्तियों पर भी पानी की तरह करोड़ों रुपया बहाया।
स्मारकों में डा. आंबेडकर, कांशीराम के साथ ही दलित महापुरुषों की तो मूर्तियां लगाई ही गईं, मायावती ने खुद की भी मूर्तियां लगवाईं और तमाम जगह हाथी भी स्थापित कराए। इनमें सैैंड स्टोन, मार्बल के साथ ही कांस्य (ब्रोंज) की मूर्तियां हैैं।
वैसे तो 1995 में पहली बार मुख्यमंंत्री बनते ही मायावती ने गोमतीनगर में डा. भीमराव आंबेडकर के नाम से स्मारक बनवाने का निर्णय किया था, लेकिन काम 1997 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद शुरू हुए। स्मारक के ज्यादातर काम 2002 में तीसरी बार उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद पूरे हुए। यह सिलसिला 2007 में चौथी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद भी जारी रहा। इस बार बसपा सुप्रीमो ने कांशीराम के नाम के साथ ही कई और स्मारक लखनऊ व नोएडा में बनवाए जिन पर तकरीबन 42 अरब रुपये खर्च किया गया।
मीडिया कृप्या करके माननीय सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश ना करे।
माननीय न्यायालय में अपना पक्ष ज़रूर पूरी मजबूती के साथ आगे भी रखा जायेगा। हमें पूरा भरोसा है कि इस मामले में भी मा. न्यायालय से पूरा इंसाफ मिलेगा। मीडिया व बीजेपी के लोग कटी पतंग ना बनें तो बेहतर है। — Mayawati (@SushriMayawati) February 9, 2019
इन स्मारकों में भी करोड़ों रुपये से सैकड़ों की संख्या में मूर्तियां लगाई गईं। इनमें डा. आंबेडकर, कांशीराम सहित कई दलित महापुरुष तो है हीं, मायावती की भी मूर्तियां हैैं। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री रहते मायावती ने पहली मर्तबा अपनी चतुर्मुखी सफेद संगमरमर की मूर्ति भी लगवाई।
आंबेडकर स्मारक में पहले-पहल जहां दो करोड़ रुपये की 13 मूर्तियां स्थापित की गईं वहीं 2007 के बाद नए सिरे से मूर्तियां लगवाने का सिलसिला शुरू हुआ। राजकीय निर्माण निगम के माध्यम से परिवर्तन स्थल पर डा. आंबेडकर, कांशीराम व मायावती की 15 फीट ऊंची कांस्य की 1.35 करोड़ रुपये (प्रत्येक 45 लाख रुपये) की मूर्ति लगाई गईं। 1.35 करोड़ रुपये की वैसी ही तीनों मूर्तियां कांशीराम स्मारक में भी स्थापित की गईं। 76 लाख रुपये की मायावती की सात फीट ऊंची मार्बल की दो चतुर्मुखी मूर्तियां और 86 लाख रुपये की बुद्ध की 16 फीट ऊंची चतुर्आयामी मार्बल की मूर्ति भी लगाई गई।
इनके अलावा 1.80 करोड़ रुपये के 24 चतुर्मुख हस्तशीर्ष, 63.86 करोड़ रुपये से 15 फीट ऊंची 62 हाथीकृति, 99 लाख रुपये से मार्बल की सात फीट ऊंची डा. आंबेडकर, कांशीराम, ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहू जी महाराज, पेरियार, नारायण गुरु, बुद्ध, बिरसा मुंडा, घासी दास, रविदास व कबीरदास आदि की मूर्ति भी लगाई गईं।
सदियों से तिरस्कृत दलित व पिछड़े वर्ग में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में निर्मित भव्य स्थल / स्मारक / पार्क आदि उत्तर प्रदेश की नई शान, पहचान व व्यस्त पर्यटन स्थल हैं, जिसके आकर्षण से सरकार को नियमित आय भी होती है। — Mayawati (@SushriMayawati) February 9, 2019
कांशीराम स्मारक में भी 26.78 करोड़ रुपये के 15 फुट ऊंचे हाथी लगाए गए। 75 लाख रुपये की हाथी के सिर वाली पांच फीट ऊंचे 10 कलाकृतियां भी वहां लगाई गईं हैैं। कैनाल किनारे सात फीट ऊंचे 11 मकराना मार्बल की 11 मूर्तियां भी लगाई गईं। इनमें कांशीराम, मायावती की मूर्तियां नौ-नौ लाख की हैैं। उपवन में 2.06 करोड़ रुपये से 18 फीट ऊंचे दो हाथी भी लगाए गए हैं।