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Illicit Liquor Case in Ayodhya: एसओ व बीट इंचार्ज समेत चार पुल‍िसकर्मी सस्‍पेंड, SSP ने की कार्रवाई

Illicit Liquor Case in Ayodhya थाना गोसाईगंज के डफरपुर त्रिलोकपुर में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत हुई थी जबकि नौ लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना जिले के गोसाईंगंज थाना क्षेत्र के त्रिलोकपुर गांव का है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 03:17 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 03:17 PM (IST)
Illicit Liquor Case in Ayodhya: एसओ व बीट इंचार्ज समेत चार पुल‍िसकर्मी सस्‍पेंड, SSP ने की कार्रवाई
शराब के नमूने को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है।

अयोध्या, जेएनएन। ज‍िले में जहरीली शराब  पीने से दो लोगों की मौत के मामले में चार पुल‍िसकर्म‍ियों पर गाज ग‍िरी है। एसएसपी ने प्रथम दृष्‍टया दोषी पाते हुए चार पुल‍िसकर्म‍ियों को तत्‍काल सस्‍पेंड कर द‍िया है। एसएसपी शैलेश पांडे ने एसओ गोसाईगंज इंद्रेश यादव, बीट प्रभारी राकेश तिवारी के साथ दो सिपाह‍ियोंं को भी सस्पेंड क‍िया है। थाना गोसाईगंज के डफरपुर त्रिलोकपुर में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत हुई थी, जबकि नौ लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना जिले के गोसाईंगंज थाना क्षेत्र के त्रिलोकपुर गांव का है। सभी ने होली के दिन निवर्तमान प्रधान राजनाथ वर्मा के घर शराब पी थी। दूसरे दिन से ही इनकी हालत बिगडऩे लगी थी, लेकिन दो लोगों की मौत होने के बाद हड़कंप मचा तो मामला प्रकाश में आया। आइजी रेंज डॉ. संजीव गुप्त, जिलाधिकारी अनुज झा और एसएसपी शैलेश पांडेय ने गांव पहुंच कर छानबीन की। आरोपी निवर्तमान प्रधान फरार है। आबकारी महकमे की निगरानी पर एक बार फिर सवाल उठा है। गत दिनों यूपी एसटीएफ ने जिले के रौनाही थाना क्षेत्र में अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी थी। 

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डीएम ने बताया कि प्रथम²ष्टया पूछताछ में सामने आया है कि होली पर निवर्तमान प्रधान के यहां सभी ने शराब का सेवन किया था, जिसके बाद धर्मेंद्र वर्मा की मौत हो गई, जबकि राजेश, लालबहादुर, जयश्री गौड़, मंशाराम, त्रिलोकीनाथ शर्मा व ध्रुव कुमार की हालत गंभीर बनी हुई है। निवर्तमान प्रधान के चचेरे भाई वीरेंद्र वर्मा की भी मौत बुधवार को हुई है। वह भी पार्टी में शामिल था, लेकिन मृतक वीरेंद्र के स्वजनों का कहना है कि वह पीलिया से पीडि़त था। एसएसपी ने बताया यह पता लगाया जा रहा है कि शराब कहां से लाई गई थी।

वहीं त्रिलोकपुर से सटे बयेरा गांव में भी तीन लोग शराब पीने से गंभीर बने हुए हैं। इनमें चंद्रभान, भगौती प्रसाद व दिलबहार शामिल हैं। त्रिलोकपुर की घटना ने एकबार फिर आबकारी विभाग की नाकामी को उजागर किया है। मृतक धर्मेंद्र कुमार के पिता मोतीलाल की तहरीर पर निवर्तमान प्रधान राजनाथ वर्मा पर मुकदमा दर्ज किया गया है। छानबीन में सामने आया है कि पीडि़तों ने ब्लू लाइम ब्रांड की देशी शराब का सेवन किया था, जो अंबेडकरनगर में सरकारी ठेकों पर मिलती है। अंबेडकरनगर के डीएम व एसपी ने भी त्रिलोकपुर पहुंचकर छानबीन की। आइजी रेंज से इस प्रकरण में लापरवाह पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। आबकारी विभाग के भी लापरवाह कर्मियों के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा।

अंबेडकरनगर जिले के सरकारी ठेके से आया था मौत का 'जाम' : त्रिलोकपुर में मौत का 'जाम' अंबेडकरनगर के एक सरकारी शराब के ठेके से आया था। मृतक धर्मेंद्र वर्मा के घर से ब्लू लाइम ब्रांड की देशी शराब की शीशियां बरामद हुई हैं। इस ब्रांड की देशी शराब अंबेडकरनगर जिले के ठेकों पर बिकती हैं। आइजी रेंज डॉ. संजीव गुप्त ने भी इसी आशंका के तहत अंबेडकरनगर व अयोध्या में शराब की दुकानों की पड़ताल का निर्देश दिया है। जहरीली शराब कांड सामने आन के बाद दोनों जिलों की पुलिस व आबकारी की भूमिका सवालों के घेरे में है। नाकामी को छुपाने के लिए दोनों जिलों में सरकारी शराब की दुकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है, लेकिन अभी तक न तो फरार निवर्तमान प्रधान राजनाथ वर्मा गिरफ्तार हो सका है और न ही शराब का स्रोत ही प्रकाश में आया है। हालांकि अयोध्या के जिला आबकारी अधिकारी अतुल द्विवेदी दावा करते हैं कि शराब अंबेडकरनगर जिले के एक सरकारी ठेके से आपूर्ति की गई थी, जिसकी रिपोर्ट वह विभागीय उ'चाधिकारियों को भेज रहे हैं। राजनाथ वर्मा ने बड़ी मात्रा में शराब की खेप ली थी। शराब का सेवन करन के बाद लोगों में इसका दुष्प्रभाव दिखने लगा था, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। वीरेंद्र वर्मा और उसके बाद धर्मेंद्र की मौत के बाद हड़कंप मचा तो मामला सार्वजनिक हुआ। वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में छानबीन आरंभ हुई थी कडिय़ां खुलती चली गईं। वहीं अंबेडकरनगर के जिला आबकारी अधिकारी अतुल श्रीवास्तव कहते हैं कि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि मिलावटी शराब अंबेडकरनगर के सरकारी ठेके की है। गलत ढंग से इसे अयोध्या में भी उत्पादित किया जा सकता है। अब सवालों के घेरे में अयोध्या और अंबेडकरनगर दोनों जिलों का पुलिस और आबकारी विभाग है। शराब में कौन से नुकसानदेह पदार्थ का उपयोग किया गया था इसकी पुष्टि के लिए बरामद शराब की बोतल व ठेके पर मौजूद उसी ब्रांड की शराब के नमूने को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है।

आबकारी की निगरानी पर फिर उठे सवाल

आबकारी महकमे की निगरानी पर एक बार फिर सवाल उठा है। गत दिनों यूपी एसटीएफ ने जिले के रौनाही थाना क्षेत्र में अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी थी। यहां चुनाव में सप्लाई करने के लिए मिलावटी शराब बनाई जा रही थी। इस कारोबार में एक लाइसेंसी शामिल था। इससे पहले आबकारी के गोदाम से बरामद शराब की खेप गायब हो गई थी। सिटी सर्किल में भी गत वर्ष एसटीएफ ने अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी थी। लगातार उजागर हो रहे मामलों के बाद भी आबकारी महकमे के सर्किल प्रभारियों की जवाबदेही तय नहीं हुई, जिसका नतीजा त्रिलोकपुर की घटना है।  


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