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IITR ने 50,000 से अधिक कोविड-19 के नमूनों का परीक्षण कर बना अव्वल

लखनऊ में कोविड-19 का परीक्षण करने वाली प्रयोगशालाओं में आईआईटीआर पहले स्थान पर 16 हफ्तों में किया 50 हजार से ज्यादा टेस्ट।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 09:12 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 09:12 PM (IST)
IITR ने 50,000 से अधिक कोविड-19 के नमूनों का परीक्षण कर बना अव्वल
IITR ने 50,000 से अधिक कोविड-19 के नमूनों का परीक्षण कर बना अव्वल

लखनऊ, जेएनएन। सीएसआईआर-आईआईटीआर ने कोविड-19 के लिए पिछले 16 हफ्तों में रियल-टाइम-पीसीआर का उपयोग करके 50,000 से अधिक नमूनों के परीक्षण कर सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। सीएसआईआर-आईआईटीआर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से नमूनों की जांच  बीते चार मई से कर रहा है। आइआइटीआर के निदेशक प्रो.आलोक धावन बताते हैं कि कोविड-19 मामले लॉकडाउन के दूसरे चरण के दौरान एक खतरनाक अवस्था में बढ़ रहे थे। ऐसे में  आपातकालीन प्रतिक्रिया के रूप में संस्थान ने राष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार कोविड-19 परीक्षण के लिए अत्याधुनिक सुविधा का निर्माण किया। बढ़ते कोरोनावायरस मामलों में जांच का दायरे बढ़ाना प्रमुख जिम्मेदारी थी।

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मुख्यसचिव, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना के साथ हुई बैठक में प्रो.धावन ने  संस्थान में  कोविड-19 परीक्षण  किए जाने की पेशकश की और इसके लिए तैयारी के बारे में अवगत कराया। संस्थान की सेल-कल्‍चर सुविधा को BSL2 + प्रयोगशाला में कोविड-19 परीक्षण सुविधा के रूप में पुनर्निर्मित किया गया। आईआईटीआर ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की और सीएसआईआर, आईसीएमआर और राज्य अधिकारियों से अनुमोदन प्राप्त किया। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा जैव सुरक्षा उपायों, नमूना प्राप्त करने, रियल-टाइम-पीसीआर आधारित परीक्षण, डेटा विश्लेषण और डेटा रिपोर्टिंग पर लगभग 10 कर्मियों की एक टीम को प्रशिक्षण दिया गया। टेस्टिंग किट, पीपीई, प्लास्टिकवेयर जैसी सामग्रियों की खरीद तेज गति से की गई। चूंकि इस तरीके की जांच संस्थान के लिए नई थी इसलिए वैज्ञानिकों ने मानकीकृत प्रक्रियाओं के अनुसार मॉक टेस्टिंग की और परीक्षण शुरू किया।

प्रति दिन 50 नमूनों की परीक्षण क्षमता थी जो अब बढ़कर प्रति दिन 1200 तक पहुंच गई है। संस्थान चार महीने से भी कम समय में 50000 से अधिक परीक्षणों को समाप्त करके एक प्रमुख मील का पत्थर बन गया। सीएसआईआर-आईआईटीआर इस उपलब्धि तक पहुंचने वाली पहली सीएसआईआर प्रयोगशाला है। निदेशक का कहना है कि यह केवल वैज्ञानिकों, तकनीकी और कर्मचारियों के अथक और निरंतर प्रयास से संभव हुआ, जो सप्ताह में सात दिन लगातार काम करते रहे हैं।आईआईटीआर कोविड-19 परीक्षण के विभिन्न पहलुओं पर अन्य सीएसआईआर प्रयोगशालाओं और राजकीय मेडिकल कॉलेजों के कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी प्रदान कर रहा है।


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