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मारपीट के विरोध में धरने पर बैठे आइआइटियंस

लखनऊ। वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इन दिनों बवालों का दौर चल पड़ा है। अभी रेजीडेंट

By Edited By: Published: Tue, 11 Mar 2014 10:54 AM (IST)Updated: Tue, 11 Mar 2014 10:56 AM (IST)
मारपीट के विरोध में धरने पर बैठे आइआइटियंस

लखनऊ। वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इन दिनों बवालों का दौर चल पड़ा है। अभी रेजीडेंट डाक्टरों की हड़ताल चल ही रही है कि आइआइटी के विद्यार्थियों ने सोमवार को लिम्बडी हास्टल से लेकर निदेशक कार्यालय तक धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामला बीती रात हुई मारपीट से जुड़ा था। छात्रों ने अधिकारियों से अतिरिक्त सुरक्षा मागी। कहा कि आइआइटी के छात्रों की सुरक्षा के लिए फैंटम दस्ता, सर्च लाइट, बैरिकेडिंग, बस, 24 घटे लाइब्रेरी आदि की सुविधा दी जाए। दरअसल रविवार रात लगभग एक बजे आइआइटी के कुछ छात्र लंका से लिम्बडी छात्रावास की ओर जा रहे थे। जब वे बिरला छात्रावास के सामने पहुंचे तो वहा खड़े कुछ छात्रों ने उनपर छींटाकशी कर दी। आइआइटी छात्रों ने इसका विरोध किया तो बात मारपीट में बदल गई। आइआइटी के छात्रों ने बताया कि बिरला के छात्रों ने उनके साथियों को बुरी तरह पीटा। मारपीट में बीटेक तृतीय वर्ष के ओंकार को अधिक चोट लगी। प्राक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मी घायल छात्र को लेकर इमरजेंसी पहुंचे, इलाज कराया। मारपीट के विरोध में सोमवार को आइआइटी छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। पहले उन्होंने लिम्बडी छात्रावास के सामने धरना दिया इसके बाद सभी ने निदेशक कार्यालय पहुंचकर निदेशक प्रो. राजीव संगल को घेर लिया। प्रो. संगल ने दोषियों पर कार्रवाई करवाने की माग को मान लिया। उन्होंने एक हफ्ते में सुरक्षा के नाम पर दो बाइक सवार, एक कार, हर चौराहे पर लाइट की व्यवस्था, 24 घटे लाइब्रेरी की सुविधा का आश्वासन दिया। छात्रों की एक माग यह भी थी कि आइआइटी के हास्टलों से लंका तक अलग से कैंपस बस चलाई जाए। इस पर निदेशक ने समय मागा।


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