यूपी में लॉकडाउन बढ़ा तो पौधे बचाने के लिए करने होंगे विशेष इंतजाम, वन विभाग ने शुरू की तैयारी
उत्तर प्रदेश में पांच जुलाई को ही 25 करोड़ पौधे रोपे गए हैं। इन पौधों की सुरक्षा विभाग के लिए चुनौती है। लॉकडाउन में यह चुनौती और भी बढ़ जाएगी।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ने के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार रात से सोमवार सुबह तक लॉकडाउन कर दिया है। अगर लॉकडाउन की अवधि बढ़ती है तो हाल ही में रोपे गए 25 करोड़ पौधों को बचाने के लिए विशेष इंतजाम करने होंगे। वन विभाग ने लॉकडाउन की संभावनाओं को देखते हुए अपनी तैयारी अभी से शुरू कर दी है।
उत्तर प्रदेश में पांच जुलाई को ही 25 करोड़ पौधे रोपे गए हैं। इसमें 10 करोड़ पौधे वन विभाग व 15 करोड़ पौधे अन्य राजकीय विभागों ने मिलकर लगवाए हैं। इन पौधों की सुरक्षा विभाग के लिए चुनौती है। लॉकडाउन में यह चुनौती और भी बढ़ जाएगी। पौधों को सबसे ज्यादा खतरा जानवरों से है। सड़कों के किनारे लगे पौधों को छोड़ दिया जाए तो बाकी कहीं पर भी पौधों की सुरक्षा के लिए ब्रिक-गार्ड व ट्री-गार्ड नहीं बनाए गए हैं।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, जैवविविधता एवं 25 करोड़ पौधारोपण के मिशन निदेशक मुकेश कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान वन विभाग की नर्सरी में कोई दिक्कत नहीं आएगी। क्योंकि वहां पहले से एक-दो कर्मचारी घर बनाकर रहते हैं। हालांकि लॉकडाउन में बाहर से आने वाले मजदूर काम करने नहीं आ सकेंगे। उन्होंने बताया कि हाल ही में जो पौधारोपण हुआ है उसके पौधों पर विशेष ध्यान देना होगा। खास तौर पर इन्हेंं जानवरों से बचाने के लिए कुछ इंतजाम भी करने होंगे। स्थानीय लोगों को भी पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष राजीव कुमार गर्ग कहते हैं कि इतने बड़े पौधारोपण अभियान में सभी पौधों के लिए ट्री-गार्ड व ब्रिक-गार्ड संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि किसान जो अपनी जमीन पर पौधारोपण करते हैं उसकी सुरक्षा वह खुद करते हैं। केवल दिक्कत ग्राम समाज की जमीनों पर होने वाले पौधारोपण में आती है। ऐसे स्थानों पर पौधों की सुरक्षा के लिए विशेष ख्याल रखने के लिए कहा गया है। यदि लॉकडाउन बढ़ता है तो विभाग उस हिसाब से अपनी रणनीति तय करेगा।