IAS हत्याकांड: CBI के हाथ न लगें, इसलिए जला दिए अनुराग के कपड़े
आइएएस के भाई आलोक ने एसआइटी जांच पर उठाए सवाल। बोले, सीबीआइ ने संदिग्धों को हिरासत में नहीं लिया।
लखनऊ, [ज्ञान बिहारी मिश्र]। कर्नाटक कैडर के आइएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में अनगिनत रहस्य बरकरार हैं। सीबीआइ को जांच मिले एक वर्ष से अधिक हो गए, लेकिन वह किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। आइएएस के भाई आलोक ने बताया कि घटना के बाद जांच कर रही एसआइटी ने बोला था कि अनुराग के कपड़े सुरक्षित रखे गए हैं। घरवालों के मांगने पर उन्होंने इन्कार कर दिया था और कपड़े सीबीआइ के हवाले करने की बात कही थी। आरोप है कि सीबीआइ ने जब अनुराग के कपड़े एसआइटी से मांगे तो उन्होंने उन्हें जला देने की बात कहकर किनारा कर लिया।
आलोक के आरोप चौंकाने वाले हैं। उनका कहना है कि एक साल से अधिक का समय बीत गया, लेकिन अब तक सीबीआइ किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। आरोप है कि एलडीए वीसी पीएन सिंह और अनुराग तीन रात से साथ में एक ही कमरे में ठहरे थे। इस दौरान बेडशीट तक क्यों नहीं बदली गई थी? उन्होंने कहा कि अनुराग के बैच के एक पुलिस अधिकारी ने राज्य अतिथि गृह का वह कमरा साफ किया था, जिसमें उनके भाई ठहरे थे। परिवारीजन पुलिस अधिकारी पर साक्ष्य मिटाने का आरोप लगा रहे हैं। घरवालों का कहना है कि सीबीआइ ने संदिग्धों को हिरासत में क्यों नहीं लिया? आरोप है कि दबाव में मामले की पड़ताल गंभीरता से नहीं की जा रही है।
सूचना लीक करने पर अनुराग ने हटाया था अपना ड्राइवर
आलोक के मुताबिक कनार्टक के बीडर में अनुराग ने अपने ड्राइवर संतोष को हटाया था। संतोष ने अनुराग की बातचीत लीक कर राजनीतिक पार्टियों को बता दी थी। बाद में वह रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था और निलंबित हुआ था। बताया गया कि वर्ष 2016 में अनुराग के दूसरे ड्राइवर पर बीडर में ही हमला भी हुआ था।
सवाल जो उठाए गए
- पोस्टमार्टम की कार्रवाई केवल 20 से 25 मिनट में ही क्यों कर दी गई
- अनुराग का फोन क्यों अनलॉक था? मोबाइल किसने खोला था और दूसरा फोन कहां है?
- मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर उसमें से डाटा किसने मिटाया था?
- एसआइटी ने बेंगलुरु में आइएएस के घर पर लगे कैमरे की फुटेज क्यों नहीं देखी?
- एसआइटी और सीबीआइ ने आठ इंजीनियरों और ठेकेदारों से क्यों पूछताछ की थी?
- अनुराग के कपड़े किसने और किसके कहने पर जलाए?
यह था मामला
बहराइच निवासी अनुराग तिवारी मीराबाई मार्ग स्थित राज्य अतिथि गृह में आइएएस अधिकारी पीएन सिंह के साथ ठहरे थे। 17 मई 2017 की सुबह उनका शव अतिथि गृह के बाहर सड़क किनारे पड़ा था। घरवालों ने हजरतगंज कोतवाली में हत्या की एफआइआर दर्ज कराई थी, जिसे बाद में सीबीआइ को सौंप दिया गया था।