Unlock 5.0: 'स्कूल जाने में मुझे कोई नहीं आपत्ति', अभिभावकों को देना होगा सहमति पत्र
अनलॉक पांच की नई गाइडलाइन में बेपटरी शिक्षण व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जगी है। सरकार की ओर से विद्यालयों के संचालन की मंजूरी दे दी गई है लेकिन अभी भी तमाम अड़चनें हैं। सबसे बड़ी दिक्कत अभिभावकों से शपथ पत्र लेने को लेकर है।
रायबरेली, जेएनएन। अनलॉक पांच की नई गाइडलाइन में बेपटरी शिक्षण व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जगी है। सरकार की ओर से विद्यालयों के संचालन की मंजूरी दे दी गई है, लेकिन अभी भी तमाम अड़चनें हैं। सबसे बड़ी दिक्कत अभिभावकों से शपथ पत्र लेने की है। कोरोना काल में अपने जिगर के टुकड़े की सुरक्षा को लेकर अभिभावक सतर्कता बरतना चाह रहे हैं। वहीं स्कूल प्रबंधन उन्हें सुरक्षा का अहसास दिलाते हुए अनुमति पत्र पाने की कसमकस से जूझ रहे हैं। हालांकि शासन की ओर से अभी कक्षा नौ से 12 तक के ही बच्चों को बुलाने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें भी एक दिन में 50 प्रतिशत बच्चों को ही पढ़ाया जा सकता है। ऐसी परिस्थिति में स्कूल खोलना और बच्चों को कोरोना महामारी से बचाना प्रबंधन और प्रशासन के लिए चुनौती से कम नहीं होगा।
आयुष मंत्रालय से मिले पत्र के अनुसार कक्षा 10 और 12 के बच्चों को बुलाया जाएगा। इसका उद्देश्य बोर्ड परीक्षा में बेहतर तैयारी कराना है। अभिभावकों से ऑन लाइन गूगल रिस्पांस सीट और लिखित सहमति देने को कहा गया है। दो पालियों में बच्चों को पढ़ाया जाएगा।
प्रमोद सिंह, प्रधानाचार्य, एलपीएस
कोरोना महामारी को लेकर जारी गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाएगा। शुरुआती दौर में कक्षा नौ से 12 तक की कक्षाएं संचालित की जाएगी। परिसर में सैनिटाइजर रखवाने के साथ ही शारीरिक दूरी का पालन कराया जाएगा।
एमपी वर्मा, प्रधानाचार्य विब्ग्योर पब्लिक स्कूल इंटरमीडिएट कॉलेज
वैक्सीन आने के बाद ही बच्चों को बुलाना चाहिए। सबसे पहली प्राथमिकता सुरक्षा का है। स्कूल खुलने पर प्रशासन की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए।
कविता चौधरी, अभिभावक
बच्चों को सुरक्षा का भरोसा मिलने पर ही विद्यालय भेजा जाएगा। वर्तमान में स्थिति काफी जटिल है। खुद संतुष्ट होने के बाद ही कुछ सोचा जाएगा। नई व्यवस्था में काफी जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंधन की है।
शिव बहादुर मौर्या, अभिभावक
इनकी सुनें
प्रत्येक विद्यालय को कोविड प्रोटोकॉल मास्क, सैनिटाइजर, शारीरिक दूरी आदि का पालन करना होगा। अभिभावक के शपथ पत्र लेना अनिवार्य है। कक्षा नौ से 12 तक बच्चों को बुलाया जाएगा। 50 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति पर कार्रवाई होगी।
डॉ. चंद्रशेखर मालवीय, जिला विद्यालय निरीक्षक