तीन तलाक एक मुस्लिम महिला के लिए आफत तो दूसरी के लिए अस्त्र बना
तीन तलाक पर जागरूकता से मुस्लिम महिलाएं मुखर होने लगीं हैं। कानपुर और बुलंदशहर में तीन तलाक एक मुस्लिम महिला के लिए आफत तो दूसरी के लिए अस्त्र बन गया है।
लखनऊ (जेएनएन)। तीन तलाक पर आई अधिकारों के प्रति जागरूकता से मुस्लिम महिलाएं मुखर होने लगीं हैं। तीन तलाक कहकर घर से निकाली गईं महिलाएं अब अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरकर विरोध पर आमादा हैं। वह न्याय के लिए अदालत से लेकर पीएम-सीएम तक गुहार लगाने में पीछे नहीं हैं। बुलंदशहर में घर से निकाली गई एक महिला ने न्याय नहीं मिलने पर आत्मदाह करने की धमकी दी है। वहीं कानपुर में एक महिला ने इसे अस्त्र की तरह इस्तेमाल कर तीन तलाक में फंसा देने की धमकी दी है।
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कानपुर में तीन तलाक में फंसाने की धमकी
कानपुर में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें महिला ने पति को तीन तलाक में फंसाने की धमकी दी है। परेशान पति इंसाफ मांगने प्रमुख पारिवारिक न्यायालय पहुंचा। दलील दी कि वह पत्नी से बहुत प्रेम करता है। उसकी गलतियों को भी माफ कर देगा। सब कुछ भूलकर उसको घर लाना चाहता है। पत्नी वैवाहिक जीवन का निर्वहन करे इसके लिए पति ने न्यायालय से आदेश देने की अपील भी की है। प्रमुख पारिवारिक न्यायाधीश ने मामला दर्ज कर लिया है।
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कानपुर के जूही परमपुरवा के जालपानगर निवासी इम्तियाज का निकाह मार्च 2016 में हुआ। चार-पांच माह तक सब ठीक रहा। उसके बाद पत्नी छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद करने लगी, जिसकी ससुराल वाले अनदेखी कर देते। इम्तियाज ने समझाने का प्रयत्न किया तो झगडऩे लगी। बोली-निकाह मेरी मर्जी से नहीं हुआ है और फरवरी 2017 को मायके चली गई। इम्तियाज विदा कराने घर पहुंचा तो नहीं आई। रिश्तेदारों ने दबाव बनाया तो तीन तलाक में फंसाने की धमकी दी।
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बुलंदशहर की पीड़िता ने दी आत्मदाह की धमकी
बुलंदशहर निवासी रिहाना ने अलीगढ़ में पत्रकारों से कहा कि पति ने तीन बार तलाक के बिना ही मुझे घर से निकाल दिया। न तो सामने और न फोन पर ही तलाक दिया। मुस्लिम भाइयों ने भी मेरी बात नहीं सुनी। हिंदू भाई मुझे न्याय दिलाने के लिए साथ खड़े हैं। रिहाना ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से गुहार लगाई कि न्याय नहीं मिला तो आत्महत्या कर लूंगी।
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