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अयोध्‍या में मंदिर से राम-जानकी का सौ वर्ष पुराना मुकुट चोरी, आरती के बाद हुई वारदात

सुबह पूजा के समय भगवान के सिर पर मुकुट देखा था। सुबह साढ़े दस से 11 बजे के बीच मुकुट नहीं था। मंदिर में ही रुके कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। सीओ के अनुसार तहरीर अभी नहीं मिली है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 12:03 AM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 12:03 AM (IST)
अयोध्‍या में मंदिर से राम-जानकी का सौ वर्ष पुराना मुकुट चोरी, आरती के बाद हुई वारदात
थाना रामजन्मभूमि क्षेत्र में हुई वारदात। जांच में जुटी पुलिस।

अयोध्या, जेएनएन। रामनगरी में यलोजोन स्थित एक मंदिर से राम-जानकी का मुकुट चोरी का मामला सामने आया है। घटना थाना रामजन्मभूमि क्षेत्र के सियापिया मंदिर की है। क्षेत्राधिकारी अयोध्या आरके राय ने मंदिर पहुंच घटना के बारे में जानकारी हासिल की। सीओ आरके राय ने बताया कि मंदिर के लोगों ने सुबह पूजा के समय भगवान के सिर पर मुकुट देखा था। सुबह साढ़े दस से 11 बजे के बीच मुकुट नहीं था। मंदिर में ही रुके कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। सीओ के अनुसार तहरीर अभी नहीं मिली है। तहरीर मिलने के साथ मुकदमा भी दर्ज कर लिया जाएगा।

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मंदिर में इन दिनों मरम्मत चल रही है और बाहर के कुछ यात्री भी ठहरे हुए हैं। पुलिस संबंधित लोगों से भी पूछताछ कर रही है। मंदिर के महंत कामताशरण ने बताया कि सुबह पूजा के बाद मंदिर का दरवाजा बंद कर पुजारी और अन्य सदस्य मंदिर के ही अन्य कक्षों में अपने-अपने कार्य में व्यस्त थे। इसी बीच चोर ने मौका पाकर मुकुट पार कर दिया। यह मंदिर सौ वर्ष पुराना है। मुकुट भी उतना ही पुराना बताया गया है। 

महंत नृत्य गोपालदास समेत अन्य के विरुद्ध याचिका निरस्त 

जिला जज ज्ञान प्रकाश तिवारी ने रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष व मणिराम छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास समेत नौ के विरुद्ध दायर पुनरीक्षण याचिका निरस्त कर दी। मामला गुप्तारघाट स्थित पंचमुखी महादेव मंदिर पर जबरिया कब्जा व लूटपाट का है, जिसको लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए दी गई अर्जी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निरस्त कर दी थी। इसी आदेश के विरुद्ध जिला जज के समक्ष पुनरीक्षण याचिका दायर की गई थी। यह याचिका महंत मिथिलेशनंदिनी शरण, महंत मैथलीरमण शरण, महंत कमलनयन दास, महंत राजकुमार दास, महंत रामदास, कमलेश ङ्क्षसह व अवधेश के विरुद्ध भी थी। याचिका में विपक्षी के अधिवक्ता दिनेश तिवारी ने दलील दी कि घटना गलत व झूठी है। पुलिस आख्या में पक्षों के बीच मंदिर व उसकी जमीन पर कब्जे का विवाद बताया गया। घटना को प्रथम ²ष्टया साक्ष्य नहीं है, इसलिए प्राथमिकी दर्ज कराने का औचित्य नही है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इसे विधिक सीमा में निरस्त किया है। 


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