Move to Jagran APP

Swachh Bharat Mission: UP में कैसे बदला जीवन, अब बोलेगी तस्वीर; नगर निगम स्वच्छता को लेकर बनाएगा लघु वीडियो

केंद्र सरकार स्वच्छ भारत मिशन नगरीय योजना के तहत बदले परिवेश को अब लघु फिल्म से दिखाना चाहती है। सभी नगर निगम ऐसे लोगों का लघु वीडियो बनाया जाएगा। यह वीडियो ही हर किसी को यह बताने का काम करेगा कि आप भी अपने जीवन में किस तरह से बदला।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sat, 21 Aug 2021 10:54 AM (IST)Updated: Sat, 21 Aug 2021 01:50 PM (IST)
Swachh Bharat Mission: UP में कैसे बदला जीवन, अब बोलेगी तस्वीर; नगर निगम स्वच्छता को लेकर बनाएगा लघु वीडियो
उत्‍तर प्रदेश में स्वच्छता को लेकर तैयार होगा लघु वीडियो।

लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। इसमे उन लोगों की कहानी दिखेगी, जिन्होंने कुछ समय जीवन में आए बदलाव के बाद खुद में गौरव महसूस किया। पहले खुले में शौच जाते थे और शर्मिंदी लगती थी। महिलाएं तो भोर और सूरज डूबने के बाद ही घर से लोटा लेकर निकल पाती थी और फिर भी सुरक्षा का खतरा बना रहता था। कई घटनाएं ऐसी भी हुई कि ससुराल में शौचालय न होने बहू मैके गई तो वापस ही नहीं आई पेपर मिल कॉलोनी से जुड़े एक मोहल्ले में युवकों की शादी इसलिए नहीं हो रही थी क्योंकि घर में शौचालय न होने कोई अपनी बेटी का रिश्ता नहीं देना चाह रहा था। अब घर में शौचालय होने से किस तरह से जिंदगी बदल गई। कचरा ने नया रोजगार देने का काम किया तो स्वच्छता के प्रति दूसरे को प्रेरित करने वाले नागरिक समूह।

loksabha election banner

केंद्र सरकार स्वच्छ भारत मिशन नगरीय योजना के तहत बदले परिवेश को अब लघु फिल्म से दिखाना चाहती है। सभी नगर निगम ऐसे लोगों का लघु वीडियो बनाया जाएगा। यह वीडियो ही हर किसी को यह बताने का काम करेगा कि आप भी अपने जीवन में किस तरह से बदला। दरअसल केंद्र सरकार नागरिकों के विभिन्न समूहों के जीवन पर स्वच्छ भारत मिशन के प्रभाव की हकीकत जानना चाहती है, जो वीडियो पर देखी जाएगी।

व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के लाभार्थी जिनका जीवन शौचालय का निर्माण के बदल गया। ऐसे लोग ने खुद में दिखे बदलाव के बाद अन्य समुदायों के लोगों को अपने-अपने घर में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया था।

स्वच्छता कार्यकर्ता और अनौपाचरिक कचरा बीनने वाले जिन्हें स्वच्छ भारत मिशन नगरीय के माध्यम से सम्मानजनक रोजगार संसाधन मिला है।

सक्रिय स्वच्छाग्रही व नागरिक समूह जिन्होंने अपने पड़ोस में स्वच्छता गतिविधियों को करने में अपना समय और प्रयास स्वेच्छा से किया और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया।

उद्यमी जिन्होंने स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में व्यावसायिक मॉडल विकसित किए हैं और इस प्रकार समाज के लोगों को आय का स्त्रोत भी बताते हैं।

चौदह हजार के घरों में बने शौचालय: नगर निगम सीमा में रहने वालों के घरों में शौचालय बनाए गए थे। सरकारी खर्च पर ये शौचालय उन घरों में बनाए गए थे, जिनके यहां शौचालय नहीं था और खुले में शौच करने जाते थे। केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से इन शौचालयों के निर्माण का भुगतान लाभार्थी के खाते में गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.