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लखनऊ में क‍िस्‍त नहीं दे पाने पर आवास व‍िकास ने खाली कराया घर, पड़ोसी ने दीवार तोड़ क‍िया कब्‍जा

कोरोना से पहले घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ी और किस्तें नहीं दे पायी। करीब साढ़े तीन लाख रुपये जमा कर चुकी थी। आवास विकास ने मुन्नी से घर खाली करवा लिया। घर खाली होने के चंद सप्ताह बाद पड़ोसी ने मुन्नी के मकान की दीवार तोड़कर मिलाने का प्रयास किया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 10:39 AM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 10:39 AM (IST)
लखनऊ में क‍िस्‍त नहीं दे पाने पर आवास व‍िकास ने खाली कराया घर, पड़ोसी ने दीवार तोड़ क‍िया कब्‍जा
संपत्ति आवंटित भी नहीं हुई, दबंगों ने तोड़ी पड़ोसी की दीवार। पीड़ित मुन्नी देवी नहीं दे पायी पूरी किस्तें।

लखनऊ, जेएनएन। आवास विकास परिषद ने वृंदावन योजना के सेक्टर सात ए-399 ईडब्ल्यूएस आवंटित किया था। वर्ष 2005 से आवंटी मुन्नी देवी परिवार के साथ वर्ष 2020 तक इस भवन में रही, लेकिन कोरोना से पहले घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ी और किस्तें नहीं दे पायी। करीब साढ़े तीन लाख रुपये जमा कर चुकी थी। आवास विकास ने मुन्नी से घर खाली करवा लिया। घर खाली होने के चंद सप्ताह बाद पड़ोसी ने मुन्नी देवी के मकान की दीवार तोड़कर मिलाने का प्रयास किया। इसकी शिकायत मुन्नी देवी ने अभियंताओं से की लेकिन काम रुकवाने के सिवाए अभियंताओं ने कोई तहरीर स्थानीय थाने में भी देना उचित नहीं समझा। इस संबंध में अधिशासी अभियंता रामेश यादव ने बताया कि निर्माण कार्य रुकवा दिया गया है।

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पीड़ित का आरोप है कि जब मकान पड़ोसी को आवंटित नहीं हुआ तो कब्जा क्यों किया जा रहा है। मुन्नी देवी ने बताया कि शुरू से उसके मकान को पड़ोसी लेना चाहते थे, इसीलिए किस्तें बंद होते ही उसे घर से निकाल दिया गया। मुन्नी देवी ने बताया कि वह किस्तें व बकाया देना चाहती हैं लेकिन विभाग मदद नहीं कर रहा है। संबंधित अभियंता व अधिकारी हर बार यह कहकर टरका देते हैं कि फाइल मुख्यायल गई है, आते ही कुछ कर देंगे। उधर पीड़ित मुन्नी ने पीजीआई थाने में भी मामले की तहरीर दी है। हालांकि पुलिस भी कुछ खास मदद नहीं कर सकी।

फुटपाथ पर रहने को विवश है परिवार

मुन्नी देवी अपने पति व बच्चों के साथ फुटपाथ पर रहने को विवश है। करीब पांच माह ये यह परिवार छत का सपना देख रहा है लेकिन छत मुहैया कराने वाला आवास विकास परिषद अनदेखी कर रहा है। छत मुहैया कराना तो दूर पीड़ित मुन्नी देवी की सुनवाई तक नहीं हो पा रही है।  


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