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नजफ का विमान उड़ान से पहले ही दिसंबर तक फुल, राजनाथ सिंह दिखाएंगे हरी झंडी

सौगात : 14 को गृहमंत्री राजनाथ सिंह भव्य समारोह में दिखाएंगे हरी झंडी। सप्ताह में दो दिन होगा संचालन, न्यूनतम किराया भी बढ़ा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 07:12 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 09:14 AM (IST)
नजफ का विमान उड़ान से पहले ही दिसंबर तक फुल, राजनाथ सिंह दिखाएंगे हरी झंडी
नजफ का विमान उड़ान से पहले ही दिसंबर तक फुल, राजनाथ सिंह दिखाएंगे हरी झंडी

लखनऊ, जेएनएन। शिया समुदाय के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान नजफ के लिए लखनऊ से एयर इंडिया की विमान सेवा की शुरुआत 14 फरवरी से होगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह विमान को एक भव्य समारोह में हरी झंडी दिखाएंगे। इस दौरान शिया के साथ सुन्नी धर्म गुरु की मौजूदगी भी रहेगी। वहीं, अभी विमान की शुरुआत भी नहीं हुई है, लेकिन दिसंबर 2019 तक के लिए नजफ जाने की बुकिंग हो गई है। इस कारण विमान का न्यूनतम किराया भी बढ़ गया है। एयर इंडिया ने विमान का टाइम टेबल और किराया भी जारी कर दिया है।

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लखनऊ से कनेक्टिंग विमान सेवा से जायरीन नजफ तक जाएंगे। एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान एआइ 414 लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से प्रत्येक सोमवार व गुरुवार को सुबह 11:30 बजे उड़ान भरेगा। यह विमान दोपहर 12:25 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचेगा। वहां से यह विमान एआइ 901 बनकर दोपहर 1:55 बजे रवाना होगा और शाम पांच बजे नजफ के एयरपोर्ट पर उतर जाएगा। वापसी में सोमवार व गुरुवार शाम छह बजे विमान एआइ-902 नजफ से उड़ान भरेगा, जोकि रात 12:45 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचेगा। वहां से विमान एआइ 423 रात 2:15 बजे उड़ान भरकर सुबह 3:15 बजे लखनऊ पहुंचेगा।

विमान में 162 सीटें होंगी। इनमें से 150 सीटें इकोनॉमी क्लास की होंगी, जबकि 12 सीटें बिजनेस क्लास की रखी गई हैं। लखनऊ से नजफ का न्यूनतम किराया वापसी सहित लगभग 20 हजार 896 रुपये तय किया गया है, जबकि लखनऊ से नजफ का एक तरफ का न्यूनतम किराया 15 हजार 77 रुपये है। 

होगी समय की बचत

अभी प्रदेशभर के शिया समुदाय के अनुयायियों को नजफ के लिए दिल्ली होकर जाना पड़ता है। दिल्ली से साढ़े चार घंटे की दूरी तय करनी पड़ती है। साथ ही सामान्य तौर पर नजफ जाने और वापसी का किराया 30 से 35 हजार रुपये होता है। लखनऊ से बोर्डिंग पास मिलने से नजफ का यह न्यूनतम किराया वापसी यात्रा सहित घटकर करीब 21 हजार रुपये से भी कम हो जाएगा।

इसलिए महत्वपूर्ण है नजफ शिया समुदाय के पहले इमाम हजरत अली का रौजा नजफ में है। रौजा की जियारत के लिए हर साल हजारों लोग नजफ जाते हैं। इस्लामी माह के रजब, मुहर्रम, चेहल्लुम और शाबान पर सबसे अधिक लोग इराक की यात्रा करते हैं। रजब माह की 13 तारीख को हजरत अली की यौमे पैदाइश होती है, जबकि चेहल्लुम माह में नजफ से कर्बला तक की 80 किलोमीटर की लंबी पदयात्रा होती है, जिसे जायरीन तीन दिनों में पूरी करते हैं। चांद के हिसाब से 13 रजब की संभावित तिथि 20 मार्च, मुहर्रम की दसवां अशूरा 10 सितंबर और चेहल्लुम 20 अक्टूबर को हो सकता है। इस कारण ही दिसंबर तक नजफ के लिए बुकिंग हो गई है।


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