अफसाना और इमराना के दीपक से रोशन होगी अयाेध्या नगरी
छह नवंबर तक तीन लाख दीपकों को सजाने की कवायद। उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की पहल पर दीपक बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर कर रहीं हैं महिलाएं।
लखनऊ, (जितेंद्र उपाध्याय)। नजाकत और नफासत के शहर-ए-लखनऊ की गंगा जमुनी का एक नया रंग इस बार अयोध्या में दीपावली पर नजर आएगा। दीपोत्सव के उल्लास में डूबने को बेताब रामनगरी को रोशन करने के लिए अफसाना व इमराना व मजीदन सहित अन्य महिलाएं दिनरात मेहनत करके दीपक बनाने में जुटीं हैं। एकता और भाईचारे के दीपक से निकलने वाली रोशनी से पूरी अयोध्या छह नवंबर को रोशन होगी।
उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की पहल पर महिला समूहों में दीपकों को बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। छह नवंबर तक तीन लाख दीपकों को सजाने की कवायद के बीच महिलाएं एकता का पैगाम देकर समाज को जोड़ने का प्रयास कर रही हैं। आजीविका मिशन की दीदियों के कंधे पर सामाजिक एकता का पैगाम देने की भी जिम्मेदारी है। हिंदू-मुस्लिम गरीब महिलाओं की आर्थिक उन्नति के साथ ही यह आयोजन उनके जीवन में भी रोशनी लाने को तैयार हैं।
राजधानी समेत प्रदेश के सभी 35 जिलों में महिलाएं दीपकों का निर्माण करने में लगी हैं। रंगीन दीपकों से निकलने वाली एकता और भाईचारे की रोशनी समाज को एक नई दिशा भी देगी। मिट्टी के दीपकों को प्रेरणा नाम दिया गया है। इस नाम से स्वयं सहायता समूहों को आम जनमानस में पहचान मिल सकेगी। दीपकों की डिजाइन इन्हें अन्य सामान्य दीपकों के मुकाबले अलग है। दीपकों को बनाने में गांव की मिट्टी के साथ ही प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करके पर्यावरण को संरक्षित करने का भी प्रयास किया जा रहा है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक एनपी सिंह ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मिट्टी से दीपकों को निर्माण किया जा रहा है। हिंदू नहीं मुस्लिम महिलाएं भी दीपकों का निर्माण कर रही हैं। सामाजिक एकता के दीपक से समाज में भाईचारे की रोशनी फैलाने का छोटा सा प्रयास है।