बिना अनुमति के धार्मिक जुलूस निकालने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
याचिका में लखनऊ शहर में जिला व पुलिस प्रशासन की अनुमति के बिना निकलने वाले धार्मिक जुलूसों पर रोक की मांग की गई थी।
लखनऊ (जेएनएन)। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि जिला प्रशासन व पुलिस की अनुमति के बिना राजधानी में धार्मिक जुलूस नहीं निकलने दिए जाएंगे। वहीं, कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि ऐसी अनुमति देते समय ख्याल रखा जाए कि जुलूसों का रूट सरकारी अस्पतालों के सामने से न हो।
चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस विवेक चौधरी की बेंच ने यह आदेश आशीष त्रिपाठी की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में लखनऊ शहर में जिला व पुलिस प्रशासन की अनुमति के बिना निकलने वाले धार्मिक जुलूसों पर रोक की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि ऐसे जुलूसों से ट्रैफिक जाम की समस्या होती है। इसके अलावा ऐसे जुलूस जब बड़े अस्पतालों के सामने से गुजरते हैं तो मरीजों को भी काफी दिक्कत होती है।
मामले पर पूर्व में सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता सीबी पांडेय ने तर्क दिया था कि वर्ष 1999 में प्रशासन ने शिया व सुन्नी पक्ष के लोगों के बीच समझौता कराया था, जिसके अनुसार शिया व सुन्नी समुदाय द्वारा निकाले जाने वाले जुलूसों की संख्या तय की गई थी। लेकिन समझौते के विपरीत राजधानी में इस समय तय संख्या से अधिक जुलूस निकाले जा रहे हैं।
महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने न्यायालय के समक्ष आश्वासन दिया कि जिला व पुलिस प्रशासन की अनुमति के बिना धार्मिक जुलूस नहीं निकलने दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि अनुमति देते समय इस बात का ध्यान भी रखा जाए कि इससे जनता को असुविधा न हो और जहां तक संभव हो ऐसे जुलूसों का रूट बड़े सरकारी अस्पतालों के सामने से होकर न गुजरे।