हाई कोर्ट ने पूछा- एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह की सदस्यता पर अब तक क्यों नहीं किया गया फैसला
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव विधान परिषद से पूछा है कि एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह की सदस्यता समाप्त करने की याचिका पर अब तक फैसला क्यों नहीं लिया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रमुख सचिव, विधान परिषद से पूछा है कि एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह की सदस्यता समाप्त करने की याचिका को अब तक निर्णीत क्यों नहीं किया गया। हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 जून की तारीख नियत करते हुए उन्हें अपना स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।
यह आदेश जस्टिस पीके जायसवाल व जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह की याचिका पर दिया। याचिका में कहा गया है कि 6 मार्च 2016 को दिनेश प्रताप सिंह इंडियन नेशनल कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली से विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुए, लेकिन 21 अप्रैल 2018 को उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस पर याची ने 9 मई 2018 को संविधान के अनुच्छेद 191(2) व दसवीं अनुसूची के पैरा 2(1)(ए) के तहत सभापति, विधान परिषद के समक्ष याचिका दाखिल कर उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी।
याची का तर्क था कि याचिका दाखिल किए इतना समय बीत जाने के बावजूद अब तक इसे निस्तारित नहीं किया जा सका है। याची की ओर से सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देकर दलील दी गई कि किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने संबंधी याचिका को तीन माह में निस्तारित कर दिया जाना चाहिए, किन्तु इस मामले में दो साल हो गया है और याचिका अभी लंबित है।