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अयोध्या में श्रीराम के साथ तीर्थंकरों की भी रोशन होगी विरासत, 4.43 करोड़ की राशि से बनेगा संग्रहालय एवं रिप्रेजेंटेशन हाल

अयोध्या में दिगंबर जैन मंदिर में विशाल संग्रहालय एवं प्रेजेंटेशन हाल के निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृत है और इसके लिए प्रदेश सरकार ने चार करोड़ 43 लाख की राशि भी मंजूर कर दी है। हालांकि कोरोना संकट के चलते इस प्रस्ताव पर अमल लंबित हो रहा है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 10:18 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 02:03 PM (IST)
अयोध्या में श्रीराम के साथ तीर्थंकरों की भी रोशन होगी विरासत,  4.43 करोड़ की राशि से बनेगा संग्रहालय एवं रिप्रेजेंटेशन हाल
रामनगरी के दिगंबर जैन मंदिर में संग्रहालय एवं रिप्रेजेंटेशन हाल के लिए शासन ने स्वीकृत है 4.43 करोड़ की राशि।

अयोध्या [रघुवरशरण]। राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की तैयारी के साथ जैन तीर्थंकरों की विरासत भी रोशन होगी। अयोध्या को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पर्यटन एवं तीर्थ नगरी के रूप में विकसित किए जाने की शासकीय योजना में जैन परंपरा को प्रतिष्ठित-संयोजित करने का भी ध्यान रखा गया है। इस क्रम में अयोध्या स्थित दिगंबर जैन मंदिर में विशाल संग्रहालय एवं प्रेजेंटेशन हाल के निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृत है और इसके लिए प्रदेश सरकार ने चार करोड़ 43 लाख की राशि भी मंजूर कर दी है। हालांकि, कोरोना संकट के चलते इस प्रस्ताव पर अमल लंबित हो रहा है।

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स्थानीय जैन मंदिर के प्रबंधक मनोज जैन के अनुसार दिगंबर जैन मंदिर अयोध्या तीर्थ क्षेत्र कमेटी की बैठक लंबे समय से अपेक्षित है, कोरोना संकट के चलते कमेटी के पदाधिकारी एकत्र नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने संभावना जताई कि इसी माह के अंत तक कमेटी की बैठक कर ली जाएगी। इसमें कमेटी के अध्यक्ष स्वामी रवींद्र कीर्ति प्रमुख रूप से शामिल होंगे और उन्हीं की अध्यक्षता में शासन के सहयोग से प्रस्तावित विकास योजनाओं के अमल पर अंतिम रूप से विचार किया जाएगा। सैद्धांतिक तौर पर इस योजना के लिए पहले ही सहमति बन चुकी है और योजना के लिए विकास प्राधिकरण शुरुआती सर्वे भी करा चुका है। गत वर्ष प्रस्ताव मांगे जाने पर कमेटी ने संग्रहालय और प्रेजेंटेशन हाल के अलावा अयोध्या के सभी पांच तीर्थंकरों की जन्मभूमि से जुड़ते मार्गों पर स्वागत द्वार बनाए जाने की अपेक्षा जताई थी। संग्रहालय ऋषभदेव दिगंबर जैन मंदिर में स्थापित गर्भगृह के दाहिनी ओर की 15 हजार वर्ग फुट भूमि पर प्रस्तावित है। संग्रहालय में प्राचीन जैन मूर्तियां, विशेष रूप से अयोध्या में पैदा हुए तीर्थंकरों की दुर्लभ प्रतिमाएं, उनसे जुड़े साहित्यिक साक्ष्य और उनके उपदेशों को सहेजे जाने की योजना है।

रामनगरी में हुआ पांच तीर्थंकरों का जन्म: जैन परंपरा के 24 तीर्थंकरों में से पांच का जन्म अयोध्या में ही हुआ था। यहां जन्म लेने वाले तीर्थंकरों में प्रथम ऋषभदेव, दूसरे अजितनाथ, चौथे अभिनंदननाथ, पांचवें सुमतिनाथ एवं 14वें तीर्थंकर अनंतनाथ हैं। प्रथम तीर्थंकर की जन्मभूमि पर आठ एकड़ में विस्तृत विशाल मंदिर है और इसी मंदिर के परिसर में संग्रहालय एवं प्रेजेंटेशन हाल प्रस्तावित है। अन्य तीर्थंकरों की जन्मभूमि भी आकर्षक मंदिर से सज्जित है।

अयोध्या के विधायक वेदप्रकाश गुप्त ने बताया कि श्रीराम का ही नहीं पांच जैन तीर्थंकरों का भी जन्म अयोध्या में हुआ था। इस विरासत के अनुरूप अयोध्या का विकास भी होना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ऐसा ही हो रहा है। इस साल के अंत तक अयोध्या की जैन परंपरा को सज्जित करने का काम पूरी गति पकड़ लेगा।


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