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पूर्वांचल में बारिश का कहर : गाजीपुर में सड़क धंसने से 50 गांव के लोग फंसे, जौनपुर व वाराणसी में भी लोग प्रभावित

लगातार बारिश के कारण गाजीपुर में रविवार सुबह नंदगंज जाने वाली सड़क करीब दस फुट नीचे धंस गई है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 10:04 AM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 11:29 AM (IST)
पूर्वांचल में बारिश का कहर : गाजीपुर में सड़क धंसने से 50 गांव के लोग फंसे, जौनपुर व वाराणसी में भी लोग प्रभावित
पूर्वांचल में बारिश का कहर : गाजीपुर में सड़क धंसने से 50 गांव के लोग फंसे, जौनपुर व वाराणसी में भी लोग प्रभावित

लखनऊ, जेएनएन। मध्य के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश का कहर जारी है। वाराणसी के साथ ही भदोही, मिर्जापुर, प्रयागराज व गाजीपुर इससे सर्वाधिक प्रभावित हैं। रविवार को भी वर्षा जारी है।

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लगातार बारिश के कारण गाजीपुर में रविवार सुबह नंदगंज जाने वाली सड़क करीब दस फुट नीचे धंस गई है। करीब 20 मीटर चौड़ी इस सड़क के धंस जाने के कारण 50 से अधिक गांव के लोगों का आवागमन बाधित हो गया है। यह लोग अब दूसरे छोर जाने के लिए किसी वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करेंगे। बारिश के कारण यहां पर राहत कार्य शुरू होने में भी काफी समय लगेगा। गांव के लोग काफी परेशान हो रहे हैं।

पूर्वांचल में लगातार चौथे दिन आफत की बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। शनिवार को चार दर्जन से अधिक कच्चे मकान धराशायी हो गए। मलबे में दबने से 17 की मौत हो गई और दर्जनों लोग हो गए। घटना में गाजीपुर व मीरजापुर में पांच-पांच, आजमगढ़ में चार, बलिया में दो लोग और मऊ में एक बालक की जान चली गई। इसके साथ ही रास्तों व घरों में पानी भरने से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार बरसात के कारण अब तक 32 की जान चली गई है।

मीरजापुर जिला के शहर कोतवाली क्षेत्र स्थित घंटाघर मोहल्ले में शनिवार की भोर चार बजे कच्चा मकान गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की जान चली गई। हादसे की खबर पाकर पहुंचे परिवार के लोगों ने मोहल्लेवासियों की मदद से मलबा हटाकर सभी को बाहर निकाला। सतीश, पत्नी माधुरी व उसके बेटे किशन को जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जमालपुर थानाक्षेत्र के सहेवां गांव में शनिवार की सुबह गृहस्वामी वृद्ध की कच्चा मकान की दिवाल गिर जाने से मलबे मे दब जाने से मौत हो गई। सुबह नौ बजे वे पानी निकाल रहे थे तभी दीवार के मलबे में दब गए थे। कछवा थाना क्षेत्र के ब्रह्मणान वार्ड में कच्चे मकान में दबकर एक 65 वर्षीय महिला की जान चली गई।

गाजीपुर में शुक्रवार की रात से लेकर शनिवार की शाम तक दर्जनों कच्चे मकान धराशायी हो चुके हैं जिसमें अलग-अलग पांच लोगों की मौत हो चुकी है। आजमगढ़ जिले में तीन दिनों अनवरत बारिश ने कई क्षेत्रों में कहर बरपाया है। शनिवार को मेंहनगर, रानी की सराय, मुबारकपुर क्षेत्र में कच्चा मकान ढहने से मां-बेटा समेत चार लोगों की मौत हो गयी। वहीं दो वृद्ध घायल हो गए। जबकि कई मवेशियों की भी मौत हो गयी। बलिया में कच्चे मकान के दीवार गिरने से बालिका समेत दो लोगों की मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए।

मऊ जनपद में मूसलधार बारिश के चलते दर्जनों मकान जमींदोज हो गए। घटना में एक अबोध की मलबे में दबने से मौत हो गई। जौनपुर में बरसात से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बरसात के बीच नदी के तटवर्ती गांवों के घरों में पानी घुस गया है। सड़कें झील बनी होने से आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। खेतों में पानी लगने से फसलों के भी प्रभावित होने से किसान चिंतित हैं। नगर के शाही ईदगाह की दीवार गिरने से नौ लोग घायल हो गए तथा दो मवेशियों की मौत हो गई। भदोही जनपद में बारिश ने तीसरे दिन भी कहर बरपाया। अलग-अलग स्थानों पर 20 से अधिक कच्चा मकान जमींदोज हो गए।

सोनभद्र के विजुल नदी ने मचाई भारी तबाही, गायघाट पुल डूबा

ओबरा-मध्य प्रदेश सहित जनपद के आदिवासी अंचलो में भारी बारिश की वजह से उफान पर आई विजुल नदी ने तटवर्ती क्षेत्रो में भारी तबाही मचाई है। विजुल के उफान से दर्जनों तटवर्ती गांवों में खड़ी फसल को भारी नुक्सान पंहुचा है।सबसे ज्यादा नुक्सान ग्राम पंचायत गोठानी के गायघाट में हुआ है। यहां पुल शुक्रवार देर रात डूब गया। गायघाट में विजुल के जलस्तर में 17 फिट से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गयी है। जिसके कारण पुल से तीन फुट ऊपर तक पानी पहुँच गया। दर्जनों टोले आम दुनिया से कट गये हैं। गायघाट के तटवर्ती खेत पूरी तरह जलमग्न हो गये। जिनमे अरहर,मक्का और तिल की फसल को नुक्सान पहुंचा है। विजुल के तेवर देख ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। विजुल का जलस्तर बढऩे के कारण गोठानी, गायघाट, घटीटा, चंचलिया, काश्पानी, कनुहार, टापू, टूस गाँव, गोसारी, कनहरा सहित तीन दर्जन से ज्यादा गांवों में प्रभाव पड़ा।

अभी दो दिन और बारिश होने की आशंका

मौसम विभाग के मुताबिक अभी दो दिन और बारिश होने की आशंका है। लगातार दो दिनों से बारिश होने से कई जर्जर और शीर्ण-शीर्ण मकानों में पानी टपक रहा है। कई मकानों में दरारें पड़ गई हैं, ऐसे में उन मकानों में रहना सुरक्षित नहीं है। डीएम का स्पष्ट आदेश है कि यदि बारिश के चलते क्षेत्र में कोई दुर्घटना होती है तो वहां तत्काल राहत व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। 


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