Heart Disease Prevention: सजगता से सुरक्षित रहेगी सेहत, दिल का रखिए ऐसे खास ख्याल
लखनऊ के केजीएमयू के हृदय रोग के प्रोफेसर डॉ. अक्षय प्रधान ने बताया कि सेहत के लिहाज से इन दिनों दो मोर्चों पर सजग रहने की जरूरत है। पहला कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकना और दूसरा इम्युनिटी को बढ़ाए रखने के लिए शरीर को मौसम के उतार-चढ़ाव से बचाना।
लखनऊ, जेएनएन। Heart Disease Prevention सर्दियों में आ जाती है मांसपेशियों में सिकुड़न, जो बनती है कई तरह के हृदय रोगों का कारण। आजकल बढ़ती-गिरती ठंड हृदय रोगियों के लिए हानिकारक हो सकती है। हमारा शरीर कई प्रकार की धमनियों से बना हुआ है। इन धमनियों में ठंड के प्रभाव से सिकुड़ने की प्रकृति होती है, इसी कारण सर्दियों के मौसम में ब्लड प्रेशर हाई रहता है। हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण सामान्य सिरदर्द, दिल की धड़कन तेज होना, घबराहट, थकान, काम में मन न लगना या फिर कई मरीजों में साइलेंट भी हो सकता है।
इस तरह के लक्षण होने पर अपने चिकित्सक से संपर्क करें और हाई ब्लड प्रेशर का सही तरह से इलाज करवाएं। हाई ब्लड प्रेशर के मरीज ठंड के मौसम में ऑटोमेटिक ब्लड प्रेशर मशीन से घर में अपना बीपी चेक कर सकते हैं एवं दवाओं की मात्रा में चिकित्सक की सलाह पर बदलाव कर सकते हैं। जब हृदय की धमनियों में सिकुड़न आती है तो सीने में दर्द हो सकता है। पहले से हृदय रोग से पीड़ित मरीजों में एंजाइना के लक्षण बढ़ जाते हैं। शोधों से पता चला है कि सर्दी के महीनों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण हाई ब्लड प्रेशर, रक्त का जमाव और श्वसन संक्रमण हो सकता है।
इस मौसम में श्वसन संक्रमण एक आम समस्या है। इनफ्लूएंजा जैसे वायरस इसका मुख्य कारण हैं। श्वसन संक्रमण बुखार और हृदय गति में वृद्धि का कारण बन सकता है, जो हृदय की ऑक्सीजन की मांग को बढ़ाता है। ऐसे में हृदय में ऑक्सीजन की आपूर्ति और मांग असंतुलित हो जाती है। इसके कारण एंजाइना से ग्रसित मरीजों में दिल का दौरा पड़ सकता है। वाल्व संबंधी समस्या से पीड़ित और कमजोर मांसपेशियों वाले लोगों को सर्दियों में अधिक परेशानी हो सकती है। इन मरीजों में हार्ट फेल्योर का खतरा रहता है। इसके साथ ही सांस फूलने की शिकायत में वृद्धि हो सकती है। इससे अस्पताल में भर्ती होने की संभावना बढ़ जाती है।
सर्दियों में कोहरे में ही धूल और धुएं के कण शामिल हो जाते हैं। इससे सांस संबंधी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। सबसे खास बात यह है कि वायु प्रदूषण के कारण दिल के दौरे भी पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। कारण, धूल और धुएं के कण दिल संबंधी परेशानियों को बढ़ा देते हैं।