आजम की बहन से आवास खाली कराने पर सुनवाई आज, कोर्ट के आदेश के बाद ही होगी आगे की कार्रवाई
पूर्व मंत्री आजम खान की बहन को नगर निगम की तरफ से रिवर बैंक कॉलोनी में आवंटित आवास को खाली कराने के मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। संभावना है कि लंच के बाद सुनवाई होगी। कोर्ट के आदेश के बाद ही नगर निगम आगे की कार्रवाई करेगा।
लखनऊ, जेएनएन। पूर्व मंत्री आजम खान की बहन को नगर निगम की तरफ से रिवर बैंक कॉलोनी में आवंटित आवास को खाली कराने के मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। संभावना है कि लंच के बाद सुनवाई हो सके। नगर निगम रेंट विभाग के प्रभारी महातम यादव ने बताया कि सोमवार सुबह नंबर न आने से सुनवाई नहीं हो पाई थी और अब दोपहर बाद सुनवाई की संभावना है। कोर्ट के आदेश के बाद ही नगर निगम आगे की कार्रवाई करेगा।
नगर निगम ने नोटिस की मियाद पूरी होने के साथ ही एक नंवबर क। पूर्व मंत्री आजम खान की बहन निकहत अफलाक को नगर निगम की रिवर बैंक कॉलोनी में आवंटित आवास नंबर ए 2/1 को सील कर अपने कब्जे में ले लिया गया था। नगर निगम को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कमरों का ताला तोड़कर वहां रखे सामानों की नीलामी करना था और इस दौरान आजम की बहन ने नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी।
पहले निकहत अफलाक को नोटिस दी गई थी और उनकी दलीलों को भी सुना गया था लेकिन जांच में पाया गया कि आवंटन नियमों के विरुद्ध किया गया था। इस आधार पर आवंटन को निरस्त करने की कार्रवाई की गई थी
इससे पहले नगर निगम ने 14 अक्टूबर को निरस्त कर दिया था और नोटिस जारी कर पंद्रह दिन में आवास खाली करने को कहा गया था। नोटिस की प्रति आजम की बहन के रामपुर आवास पर भेजने के साथ ही रिवर बैंक कॉलोनी के आवास पर चस्पा की गई थी।नगर निगम नोटिस में यह आरोप लगाया था कि रामपुर में शिक्षिका पद से सेवानिवृत्त निकहत अफलाक अब रामपुर में अपने स्थायी आवास पर ही रहती हैं और आसपास के निवासियों ने भी यही बयान दिया था कि आवास बंद रहता है और आजम खान की बहन यहां नहीं रहती है। निकहत अफलाक को तत्कालीन नगर विकास मंत्री रहे आजम खान के कार्यकाल में वर्ष 2007 में रिवर बैंक कॉलोनी में भवन संख्या ए 2/1 आवंटित किया गया था। पांच हजार वर्गफीट में बने इस आवास का किराया एक हजार प्रति माह निर्धारित किया गया था।
निकहत अफलाक ने नगर निगम की नोटिस को भ्रामक बताते हुए कहा था कि वह सुविधानुसार रिवर बैंक कॉलोनी के आवास का उपयोग करती हैं और वर्ष 2021 तक उसका आवास का किराया और हर माह बिजली का बिल भी जमा हो रहा है। उनके पास अपना कोई निजी भवन भी नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि नितांत भ्रामक एवं मिथ्या कथनों के आधार पर आवास का आवंटन निरस्त का नोटिस दिया गया है। वह समय-समय पर अपने रिश्तेदारों से मिलने रामपुर जाती हैं और 76 वर्ष की होने के कारण अपने इलाज के लिए लखनऊ में ही निवास करती हैं।