यूपी के 25 जिलों में महिला आयोग की जनसुनवाई, टूटते परिवार बचाने को लोग आगे आएं
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग 16 जनवरी को 25 जिलों में जनसुनवाई कर रहा है। इस मौके पर बड़ी संख्या में फरियादी शिकायत करने उमड़ पड़े।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग 16 जनवरी को 25 जिलों में जनसुनवाई कर रहा है। यह सुनवाई बाराबंकी, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, इटावा, बस्ती, फर्रुखाबाद, बलरामपुर महाराजगंज, बागपत, वाराणसी, अमरोहा, हाथरस, हापुड़, जालौन, महोबा, कानपुर देहात, बहराइच, प्रयागराज, अमेठी, गोंडा, मऊ, देवरिया, श्रावस्ती और मथुरा में हो रही है। बड़ी संख्या में लोग अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे। विभिन्न जिलों में फरियादियों की सुविधा को देखते अलग-अलग स्थानों पर अस्थाई जन चौपाल लगाई गईं जिनमें यथासंभव लोगों की शिकायतों को दूर करने की कोशिश की गई।
टूटते परिवार बचाने के लिए लोग आगे आएं : दीक्षित
हाथरस में राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित ने परिवारों के विभाजन पर चिंता जताई और कहा कि टूटते परिवारों को बचाने के लिए प्रबुद्ध जनों को आगे आना पड़ेगा। युवाओं को अपनी संस्कृति के प्रति जागरुक होना पड़ेगा। अभी नहीं जागे तो हर घर में संबंधों के बीच लक्ष्मण रेखा खिंच जाएगी। उन्होंने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में महिलाओं की समस्याएं सुनीं। इस मौके पर कहा कि पिछली सरकारों में महिला अपराधों को बढ़ावा दिया जाता था और मामलों को दबा दिया जाता था। ऐसा भाजपा शासन में नहीं है। तत्काल कार्रवाई का ही परिणाम है कि अब महिला अपराध कम हुए हैं।
आयोग में शिकायत की प्रक्रिया
- प्रार्थना पत्र आयोग को संबोधित होना चाहिए।
- प्रार्थना पत्र तीन प्रतियों में कार्यालय में प्राप्त किये जाएंगे।
- प्रार्थना पत्र पर किसी प्रकार की कोई फीस स्टैम्प पेपर की आवश्यकता नहीं है।
- सुनवाई केवल संबंधित पक्षकारों से की जाएंगी
- विशेष परिस्थिति में पक्षकारों के पारिवारिक सदस्यों को सुनवाई में रहने की अनुमति दी जा सकती है।
- सुनवाई में अधिवक्ता की उपस्थिति मान्य नहीं है।
- महिला स्वयं उपस्थित होकर, पंजीकृत डाक, स्पीड पोस्ट, फैक्स, अथवा ई-मेल द्वारा दिया जा सकता है।
- प्रार्थना पत्र पर आवेदक/आवेदिका के हस्ताक्षर या अगूंठा निशानी मूलरूप में होना चाहिए।