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Health Workers and Ambulance Strike in UP: स्‍वास्‍थ्‍य व एंबुलेंस कर्मियों हड़ताल से दांव पर लगी मरीजों की जान

उत्‍तर प्रदेश में एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का संचालन करने वाली नई कंपनी की नियुक्ति प्रक्रिया पर आपत्ति को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। वहीं स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारी भी ट्रांसफर को लेकर विरोध कर रहे हैं। जिसकी वजह से मरीजों को खासी परेशानी हो रही है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 04:05 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 10:59 PM (IST)
Health Workers and Ambulance Strike in UP: स्‍वास्‍थ्‍य व एंबुलेंस कर्मियों हड़ताल से दांव पर लगी मरीजों की जान
यूपी में स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी व एंबुलेंस कर्मियों हड़ताल से मरीज परेशान।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। प्रदेश भर में स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारी ट्रांसफर के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। स्‍वास्‍थ्‍य निदेशायल पर सैंकड़ों की संख्‍या में प्रदेश भर से कर्मचारी इकठ्ठा हुए हैं। वहीं अस्‍पतालों में चिकित्‍सीय व्‍यवस्‍था ठप हो गई। जिसकी वजह से मरीजों को ओपीडी में इलाज नहीं मिल पाया।

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ओपीडी प्रभावित: तबादले की मांग को लेकर कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से प्रदेश भर के अस्‍पतालों में ओपीडी भी प्रभावित रही। दूर दराज से ओपीडी में दिखाने आए मरीजों को खासी मशक्‍कत करनी पड़ी। लखनऊ में सिविल, बलरामपुर, महानगर सिविल, लोकबंधु समेत सीएचसी पीएचसी में भी ओपीडी प्रभावित रही। पर्चा काउंटर से लेकर फार्मासिस्‍ट और पैथालॉजी में इक्‍का दुक्‍का कर्मचारी काम कर रहे थे। जिसकी वजह से मरीजों को जांच करवाने से लेकर दवा लेने के लिए घंटों बर्बाद करना पड़ा। वहीं अधिकतर मरीज बैरंग लौट गए।

कोई गोद में तो कोई निजी वाहन से पहुंचा इमरजेंसी: 108-102 एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल की वजह से मरीजों को अस्‍पताल पहुंचने में पसीने छूट गए। इमरजेंसी तक पहुंचने के लिए परिवारीजन एंबुलेंस को फोन मिलाते रहे, लेकिन वो नहीं आई। प्रदेश भर में केवल इक्‍का दुक्‍का एंबुलेंस चली जिसकी वजह से मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा। इमरजेंसी पड़ने पर कोई गोद में तो कोई निजी वाहन से करके मरीजों को लेकर गए।

बता दें कि प्रदेश में एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सेवा का संचालन नई कंपनी जिगित्सा को सौंपा गया है। अभी तक यह एंबुलेंस जीवीके ईएमआरआई कंपनी चलाती थी। नई कंपनी ने संचालन का ठेका लिया और नए सिरे से कर्मचारियों की भर्ती शुरू कर दी। इससे चलते पहले से एंबुलेंस में कार्य कर रहे कर्मचारियों को नौकरी जाने का खतरा पैदा हो गया।

कर्मचारियों का आरोप है कि नई भर्ती में कई अनियमितताएं हैं। अनुभव का लाभ भी कर्मचारियों को नहीं दिया जा रहा है। सभी को बॉन्ड भरने के लिए कहा गया है। साथ ही वेतन भी कम दिया जा रहा है। एएलएस सेवा के कर्मचारियों की जब सुनवाई नहीं हुई तो उनके समर्थन में 102 और 108 एंबुलेंस कर्मियों ने भी हड़ताल शुरू कर दी। एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडे और संगठन मंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि कम्रचारियों से किसी तरह का बांड न भराया जाए। कोरोना काल में शहीद होने वाले कर्मचारियों के परिवारीजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए।


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