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गांव-गांव बनेंगे कोरोना वैक्सीन बूथ, आमजन तक जल्‍द वैक्सीनेशन पहुंचाने का खाका हो रहा तैयार

Lucknow Coronavirus News Update प्रधानमंत्री ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में देश के सभी लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने का भरोसा दिया। ऐसे में फ्रंट लाइन वर्कर के साथ-साथ आमजन तक वैक्सीनेशन का खाका तैयार किया जाने लगा है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 07:18 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 07:18 AM (IST)
गांव-गांव बनेंगे कोरोना वैक्सीन बूथ, आमजन तक जल्‍द वैक्सीनेशन पहुंचाने का खाका हो रहा तैयार
ये बूथ आबादी के लिहाज से तय किए जाएंगे।

लखनऊ (संदीप पांडेय)। देश में कोरोना की कई वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। नए वर्ष में महामारी के खिलाफ वैक्सीन के रूप में हथियार मिलने की उम्मीद है। इसके बाद हर व्यक्ति का वैक्सीनेशन कराना एक बड़ी चुनौती होगी। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग गांव-गांव वैक्सीन बूथ बनाने की योजना बना रहा है। ये बूथ आबादी के लिहाज से तय किए जाएंगे।

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प्रधानमंत्री ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में देश के सभी लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने का भरोसा दिया। ऐसे में फ्रंट लाइन वर्कर के साथ-साथ आमजन तक वैक्सीनेशन का खाका तैयार किया जाने लगा है। इसमें राज्य की 23 करोड़ से अधिक आबादी को मिशन मोड में वैक्सीन की डोज दी जाएगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक मंगलवार को गांव-गांव कोरोना वैक्सीन बूथ बनाने पर विचार हुआ। कोरोना वैक्सीन बूथ का निर्धारण आबादी के लिहाज से होगा। इसके लिए पोलिंग बूथ, पोलियो बूथ की संख्या का अध्ययन किया जा रहा है। कारण, अस्पताल स्तर पर सभी का वैक्सीनेशन मुमकिन नहीं है। ऐसे करने से अफरातफरी का माहौल पैदा हो सकता है। लिहाजा, आमजन की सुविधा के लिहाज से घर के बगल में बूथ पर कोरोना वैक्सीनेशन की रणनीति बनाने का काम चल रहा है। इसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग जुटे हुए हैं। पूरे प्लान पर सरकार की विशेष नजर है।

राज्य में सवा लाख से अधिक बनेंगे बूथ

राज्य में एक लाख से अधिक पोलिंग बूथ हैं, वहीं पोलियो बूथ भी हर वर्ष एक लाख दस हजार के करीब बनते हैं। इन बूथों पर तय उम्र की आबादी ही पहुंचती है। मसलन, पोलिंग बूथ पर जहां 18 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति पहुंचते हैं तो पोलियो बूथ पर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चे। वहीं, कोरोना वैक्सीन तो हर उम्र के व्यक्ति को लगेगी। ऐसे में बूथों की संख्या बढऩा तय है। बूथों पर भीड़ न जुटे और शारीरिक दूरी का प्रोटोकाल बना रहे, इसके लिए राज्य में सवा लाख से अधिक बूथ बनाए जा सकते हैं। लखनऊ में कोरोना वैक्सीन बूथों की संख्या 3800 के करीब हो सकती है।

लैब टेक्नीशियन भी लगाएंगे वैक्सीन

बड़ी आबादी में वैक्सीनेशन के लिए ट्रेंड मैन पॉवर जुटाना भी चुनौती है। ऐसे में कोरोना वैक्सीनेशन में एएनएम, नर्स के अलावा फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन की भी मदद ली जाएगी। इसी कवायद के तहत स्वास्थ्य महानिदेशालय ने सभी जनपदों के सीएमओ से हेल्थ वर्कर का भी ब्योरा तलब किया है। इन्हें वैक्सीनेशन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले मंडल स्तर की टीम को ट्रेंड किए जाएगा। इसके बाद ट्रेनर जिला व सीएचसी स्तर के स्टाफ को ट्रेंड करेंगे।

निगरानी के लिए बनेंगी विशेष टीमें

वैक्सीन के स्टोरेज, कोल्डचेन मेनटेन से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक की विशेष मॉनिटरिंग होगी। इसके लिए मोबाइल टीम, ट्रांजिट टीम, सुपरवाइजरों की टीम क्षेत्रीय स्तर तक बनेगी। इस दौरान राज्य में 60 हजार से ज्यादा वैक्सीनेटर बनाए जा सकते हैं। लखनऊ में आठ हजार के करीब वैक्सीनेटर हो सकते हैं। हालांकि, स्पष्ट संख्या योजना फाइनल होने पर ही पता चलेगी।

वैक्सीनेशन के लिए लगेगी आइडी

रिकॉर्ड रखने के लिए वैक्सीनेशन के वक्त व्यक्ति की आइडी भी ली जा सकती है। इसके लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, बैंक पास बुक, पासपोर्ट, पैनकार्ड, बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र आदि विकल्पों पर विचार हो रहा है। इसके अलावा उनका मोबाइल नंबर भी दर्ज किया जाएगा। 


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