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Hathras Case News: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- इलाहाबाद हाई कोर्ट की निगरानी में हाथरस कांड की जांच करेगी CBI

Hathras Case News हाथरस कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि इस प्रकरण की जांच कर रही सीबीआइ इलाहाबाद हाईकोर्ट की निगरानी में अपनी सारी जांच करेगी। उत्तर प्रदेश से इस केस को ट्रांसफर करने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसका फैसला बाद में होगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 12:38 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 06:49 PM (IST)
Hathras Case News: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- इलाहाबाद हाई कोर्ट की निगरानी में हाथरस कांड की जांच करेगी CBI
कथित सामूहिक दुष्कर्म के दौरान बर्बरता के कारण मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय सुना दिया

लखनऊ, जेएनएन। हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के दौरान बर्बरता के कारण मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपना निर्णय सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का सभी को बेसब्री से इंतजार था।  सुप्रीम कोर्ट ने अब हाथरस का बड़ा मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट को भेज दिया है। सीबीआइ अब इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ निगरानी में जांच करेगी। 

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सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि हाथरस के पीडि़त परिवार की सुरक्षा के साथ ही गवाहों की सुरक्षा से लेकर अन्य तमाम पहलुओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट देखेगी। इस मामले में सीबीआई अपनी स्टेटस रिपोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट को देगी। इस दौरान हाईकोर्ट मामले को मॉनिटर करेगी। उत्तर प्रदेश से इस केस को ट्रांसफर करने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसका फैसला बाद में होगा। सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस केस की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट को सौंपी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा पीड़ित और गवाहों की सुरक्षा तथा केस की मेरिट से जुड़े हर पहलू को हाईकोर्ट देखेगा। केस दिल्ली स्थानांतरित करने पर कहा कि अभी सीबीआई जांच कर रही है जांच पूरी होने के बाद इस पर विचार होगा।

चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने एक जनहित याचिका और कार्यकर्ताओं तथा वकीलों की ओर से दायर कई अन्य हस्तक्षेप याचिकाओं पर बीती 15 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन सभी याचिकाओं में दलील दी गयी थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि कथित तौर पर जांच में कई बार बाधा डाली गई है। इस मामले की याचिकाओं में दलील दी गयी थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है। इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले जांच पूरी हो जाए फिर यह तय किया जाएगा कि केस ट्रांसफर होगा या नहीं।

हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 14 सितम्बर को एक दलित युवती से कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इसके बाद 29 सितंबर को उसकी दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी।


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